कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना संक्रमण बड़े बड़े नेताओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है. इस घातक वायरस ने अब एक और बड़े नेता को अपना शिकार बनाया है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष अजित सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते चौधरी अजीत सिंह का निधन हो गया है. 82 साल के चौधरी अजित सिंह पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित मिले थे. लेकिन आज उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.
बताया जाता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह 22 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने लगा था, जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई थी. जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. दो दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. लेकिन आज उनका इलाज के दौरान अस्पताल में निधन हो गया. अजीत सिंह के बेटे और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने खुद इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘चौधरी साहब नहीं रहे.’
बता दें कि चौधरी अजित सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती थी। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। उनके निधन के बाद बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा, ”राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजित सिंह जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। उनके परिवार व प्रियजनों को मेरी संवेदनाएँ।”
समाजवादी पार्टी ने अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अजित सिंह कई बार केंद्रीय मंत्री भी रहे थे लेकिन पिछले 2 लोकसभा चुनाव और 2 विधानसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय लोकदल का ग्राफ तेजी से गिरा। यही वजह रही कि अजित सिंह अपने गढ़ बागपत से भी लोकसभा चुनाव हार गए। अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी भी मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह जाट समुदाय के बड़े नेता थे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अजित सिंह का काफी ज्यादा दबदबा देखने को मिलता है. बागपत से वह 7 बार सांसद चुने गए थे. वह कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. 2001 से 2003 तक वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री, 2011 में यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फनगर से उन्हें हार झेलनी पड़ी थी.