• होम
  • समाचार
    • खास खबर
    • TAZA KHABAR
    • Lokshbha2024
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय
  • होम
  • समाचार
    • खास खबर
    • TAZA KHABAR
    • Lokshbha2024
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय

चुनाव परिणामों की प्रतिध्वनि………

UB India News by UB India News
May 7, 2021
in Lokshbha2024, खास खबर, प्रदेश, ब्लॉग
0
चुनाव परिणामों की प्रतिध्वनि………
  • Facebook
  • X
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Email
  • Print
  • Copy Link

4 राज्य और १ केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव परिणामों का विश्लेषण हम सबके दृष्टिकोण ऊपर निर्भर करता है। यह विश्लेषण स्थितियों‚ कारकों का सरलीकरण होगा कि तमिलनाडु और केरल के परिणाम तो बिल्कुल अपेक्षित है। इसमें दो राय नहीं कि ज्यादातर चुनाव विश्लेषकों ने केरल में वाम मोर्चे की सत्ता कायम रहने तथा तमिलनाडु में द्रमुक गठबंधन के सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी की थी। स्थानीय रिपोटे भी बता रहीं थी कि केरल हर पांच वर्ष पर सत्ता बदलने की परंपरा को इस बार तोड़ेगा। तमिलनाडु में न अन्नाद्रमुक सरकार के विरु द्ध व्यापक माहौल था और न द्रविड़ के पक्ष में। बावजूद द्रमुक का पलड़ा भारी था और परिणाम वही आया है। २०१६ में जयललिता के नेतृत्व के प्रभाव में तमिलनाडु ने सत्ता परिवर्तन की परंपरा को तोड़ा था। मुख्यमंत्री पलनीस्वामी के विरुद्ध आक्रोश नहीं था‚ लेकिन लगातार तीसरी बार पार्टी नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता में लाने के लिए ज्यादा चमत्कारी व्यक्तित्व चाहिए। बावजूद इनका गहराई से विश्लेषण करना होगा कि ऐसा क्यों हुआ। केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाला लोकतांत्रिक मोर्चा सत्ता में क्यों नहीं कर सका यह प्रश्न बड़ा है। बहरहाल‚ इससे आगे असम और पश्चिम बंगाल की ओर मुड़ते हैं तो फिर हमारे दृष्टिकोण की महत्ता बढ़ जाती है। तो कैसेॽ भाजपा के प्रभाव के कारण इन चुनावों को गहरी वैचारिकता का चरित्र दे दिया गया था और विश्लेषण में वो कायम रहेगा। ॥ प. बंगाल का वातावरण बता रहा था कि वहां की पारंपरिक राजनीति में परिवर्तन होने वाला है। चुनाव परिणाम ने प बंगाल के लिए तीन बातें स्पष्ट कर दी। एक‚ पांच दशक से ज्यादा समय तक राजनीति और साढ़े तीन दशक तक सत्ता चलाने वाला वाम मोर्चा चुनावी तौर पर प्रदेश में खत्म हो चुका है। दो‚ कांग्रेस के लिए इससे बुरा चुनाव कुछ हो भी नहीं सकता। लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस यहां नौ विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी। तीन‚ बंगाल के बारे में आम धारणा यही थी कि वहां वाम अभिमुख राजनीति ही सफल होगी। सत्ता में कोई रहे भले उसकी विचारधारा मार्क्स और लेनिन की विचारधारा नहीं हो‚ लेकिन व्यवहारिक स्तर पर उसे वाम नीतियों की ओर उन्मुख होना पड़ेगा। बंगाल के भद्र पुरु षों ने कल्पना नहीं की थी कि हिंदू और हिंदुत्व केंद्रीय राष्ट्रीयता की बात उठाने वाली भाजपा वहां दूसरी मुख्य शक्ति बन जाएगी। तो यह तीसरी बात प. बंगाल की राजनीति के वर्तमान और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि २०१८ के पंचायत चुनाव में भाजपा ने दस्तक दे दिया था। २०१९ लोक सभा चुनाव में वह दूसरी मुख्य पार्टी बनी और चुनाव परिणाम इस बात का गवाह है भले परिणामों से वह बिल्कुल संतुष्ट नहीं होगी‚ लेकिन वह दूसरे स्थान पर स्थापित हो गई है। जिस राज्य में २९ प्रतिशत के आसपास मुस्लिम वोट हो और उनके अंदर यह भय हो कि भाजपा आ गई तो आपकी खैर नहीं वहां भाजपा का बहुमत पाना आसान नहीं हो सकता। आप देखेंगे कि तृणमूल की जीत का अंतर वहां बहुत ज्यादा है जहां–जहां मुस्लिम मत या तो निर्णायक हैं या प्रभावी।
वस्तुतः जिस तरह २०१९ में ज्यादातर मुसलमानों ने भाजपा के विरु द्ध तृणमूल के पक्ष में एकमुश्त मतदान किया; ठीक वही प्रवृत्ति विधानसभा चुनाव में भी कायम रही है। कांग्रेस‚ वाम मोर्चा और आईएसएफ के गठबंधन को मुस्लिमों का मत नहीं मिला है‚ क्योंकि इनने भाजपा को पराजित करने के लिए मतदान किया। अगर यह गठबंधन कुछ सीटों पर टक्कर दे पाता या कुछ सीटें निकाल पाता और मुस्लिम मतों में थोड़ा बटवारा कर पाता तो भाजपा का ग्राफ बेहतर हो सकता था। हालांकि चुनाव परिणाम भाजपा की अपनी ही कसौटियों और अपेक्षाओं निरुत्साहित करने वाला है‚ लेकिन उसकी पहली सफलता यह है कि उसने पश्चिम बंगाल की राजनीति को दो ध्रुवीय बना दिया है। दूसरी ओर असम ऐसा प्रदेश है जहां के बारे में माना जा रहा था कि नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तो भाजपा के विरु द्ध जाएगा ही कांग्रेस का बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन भी असर दिखाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में यह माना गया था की मुस्लिम मत कांग्रेस और एआईयूडीएफ में बंट गई थी और यह भाजपा के विजय का प्रमुख कारण था। विश्लेषण करना होगा कि उनकी एकजुटता के बावजूद भाजपा अपने सहयोगियों के साथ सत्ता बनाए रखने में क्यों सफल हुई है। बराक घाटी में उसको समर्थन मिलना बताता है कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन कानून भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि पक्ष में गया है।
हम प. बंगाल को भी इससे बाहर नहीं रख सकते। अगर भाजपा इतनी सीटें हासिल करने में कामयाब रही तो इसका वैचारिक निहितार्थ भी है। न भूलिए कि गैर दलीय भाजपा के वैचारिक विरोधी शक्तियों ने स्वाभाविक ही एकजुटता दिखाई। इसका मतलब है कि भाजपा की विचारधारा और नीतियों के प्रति एक व्यापक समर्थन आधार कायम हो गया है। बंगाल के भद्र पुरु ष कभी भाजपा को नहीं चाहते‚ वे ममता और तृणमूल को भी पसंद नहीं करते‚ लेकिन भाजपा को रोकने के लिए इन सबने तृणमूल के पक्ष में एकजुटता दिखाई। शहरी क्षेत्रों में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन का यह बड़ा कारण है। किंतु यह नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा ने अपनी विचारधारा और उसके आधार पर बढ़ते समर्थन के कारण प्रदेश में ऐसा दबाव बनाया कि ममता बनर्जी ने स्वयं को निष्ठावान हिंदू और हिंदुओं का समर्थक घोषित करना शुरू कर दिया। जाहिर है‚ अगर भाजपा इसी प्रकार प. बंगाल में सघन रूप से काम करती रही तो केवल चुनावी राजनीति ही नहीं‚ नीतियों में भी लंबे समय तक हिंदू और हिंदुत्व केंद्रीय राष्ट्रीयता की गूंज सुनाई देगी।

इसमें सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस और वाम मोर्चे के साथ हो गई है। उनके सामने सबसे कठिन प्रश्न खड़ा हुआ है कि अपनी राजनीति के भविष्य का वैचारिक ताना–बाना कैसे बुनेॽ यह बात सही है कि केरल में पी विजयन के नेतृत्व में वाम मोर्चे ने दोबारा वापसी कर इतिहास कायम किया है‚ लेकिन उन्होंने भी अंत में सबरीमाला के भक्तों का समर्थन किया और कहा कि हम तो अय्यप्पा भक्तों के साथ हैं। इसी तरह द्रमुक पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए तथा हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए बजट में प्रावधान करने की घोषणा की। इस तरह परिणाम केवल यहीं तक सीमित नहीं है। इसकी प्रतिध्वनियां आने वाले समय में कई स्तरों पर सनाई देगी।

RELATED POSTS

ईरान में परमाणु बम बनाने के अबतक कोई सबूत नहीं, फिर क्यों किया हुआ हमला…..

ईरान की धरती पर हमला क्षेत्र में युद्ध को और भड़का सकता है,

  • Facebook
  • X
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Email
  • Print
  • Copy Link
UB India News

UB India News

Related Posts

इजरायल-ईरान युद्ध के बाद अब दुनिया विश्व युद्ध की ओर बढ़ेगी ?

ईरान में परमाणु बम बनाने के अबतक कोई सबूत नहीं, फिर क्यों किया हुआ हमला…..

by UB India News
June 22, 2025
0

5 फरवरी 2003 को अमेरिका के विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक शीशी लहराने लगे। दावा...

ईरान की धरती पर हमला क्षेत्र में युद्ध को और भड़का सकता है,

ईरान की धरती पर हमला क्षेत्र में युद्ध को और भड़का सकता है,

by UB India News
June 22, 2025
0

कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ईरान में अमेरिकी हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है....

पहलगाम में हुए आतंकी हमले का लेटेस्ट VIDEO आया सामने, पर्यटक के कैमरे में कैद हुआ दिल दहलाने वाला मंजर

पहलगाम हमले में आतंकियों को पनाह देने वाले 2 लोगो को NIA ने किया गिरफ्तार

by UB India News
June 22, 2025
0

पहलगाम आतंकी हमले के दो महीने बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पहलगाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।...

पाकिस्तान आर्मी चीफ के ‘जहरीले’ बोल, भारत को बताया शांति के लिए खतरा, कश्मीर राग भी अलापा

अमेरिका का हुक्म बजाने को तैयार हैं मुनीर और ISI…

by UB India News
June 22, 2025
0

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर आजकल अमेरिका में हैं। व्हाइट हाउस में उन्होंने ट्रंप के साथ लंच किया। इस...

यहां विकास नहीं, कमीशन डिलीवर होता है…………..

चुनाव से पहले सीएम नीतीश का बड़ा ऐलान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि अब दोगुना से भी ज्यादा

by UB India News
June 22, 2025
0

बिहार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं, वृद्धजनों...

Next Post
दिल्ली में सुपुर्द-ए-खाक हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, समर्थकों में मायूसी के साथ आक्रोश, राजद पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली में सुपुर्द-ए-खाक हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, समर्थकों में मायूसी के साथ आक्रोश, राजद पर लगाए गंभीर आरोप

24 घंटे में 174 संक्रमितों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने कहा- 82 की गई जान

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2025 ubindianews.com All Rights Reserved

MADE WITH ❤ BY AMBITSOLUTIONS.CO.IN

No Result
View All Result
  • front
  • Home

© 2020 ubindianews.com - All Rights Reserved ||

Send this to a friend