प्रदेश में जांच घटाकर आंकड़ों को काबू करने की कवायद भी नाकाम हो रही है। जांच घटाने के बाद भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को प्रदेश में कुल 95,686 लोगों की जांच हुई जिसमें 13,789 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन में एक लाख जांच का लक्ष्य रखा है, लेकिन दो दिन से लगातार जांच का आंकड़ा कम होता जा रहा है। 30 अप्रैल को भी 98 हजार लोगों की जांच हो पाई थी। पटना में शनिवार को कुल सबसे अधिक 3,024 नए मामले आए हैं।
बिहार में तेजी से बढ़ रहे मामले
बिहार में शनिवार को कुल 13,789 नए मामले आए हैं। इसमें पटना में 3,024, गया में 969, बेगूसराय में 611, औरंगाबाद में 508, भागलपुर में 330, गोपालगंज में 227, गोपालगंज में 261, जमुई में 311, कटिहार में 275, खगड़िया में 339, मधुबनी में 324, किशनगंज में 187, मुजफ्फरपुर में 534, नालंदा में 637, नवादा में 252, पूर्णिया में 424, रोहतास में 256, सहरसा में 337, समस्तीपुर में 237, सारण में 412, सुपौल में 400, वैशाली में 150, पश्चिमी चंपारण में 537 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बिहार के अलग-अलग जिलों में बाहर से आए 55 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
संक्रमितों को डिटेक्ट करना बड़ी चुनौती
संक्रमितों को डिटेक्ट करना बड़ी चुनौती है। CM नीतीश कुमार ने इस चुनौती के लिए प्रदेश में हर दिन एक लाख लोगों की जांच करने का लक्ष्य दिया था, लेकिन इस लक्ष्य को अब पूरा करने में विभाग के हाथ पांव फूल रहे हैं। जांच के आंकड़ों में लगातार गिरावट आ रही है। शनिवार को प्रदेश में मात्र 95,686 लोगों की ही जांच हो पाई है। जब तक जांच का आंकड़ा बढ़ेगा नहीं तब तक संक्रमण की रफ्तार को कम नहीं किया जा सकता है। CM का निर्धारित किया गया लक्ष्य पूरा करना ही नहीं होगा बल्कि इसे बढ़ाना भी होगा।