पश्चिम बंगाल में आठवें चरण के मतदान के कुछ देर बाद आए एक्जिट पोल्स ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पेशानियों पर बल ला दिए हैं. उन्होंने बड़ी ठसक के साथ कहा था कि बंगाल में यदि भारतीय जनता पार्टी तीन अंक भी पार कर लेती है, तो वह चुनावी रणनीति बनाना छोड़ देंगे. इस लिहाज से देखें तो लगभग सभी एक्जिट पोल बीजेपी को 100 से ऊपर सीटें दे रहे हैं. पोल ऑफ द पोल को देखें तो बीजेपी बंगाल में सरकार बनाती दिख रही है. इन एक्जिट पोल के साथ ही अब एक सवाल यह भी राजनीतिक गलियारों में तैरने लगा है कि 2 मई के बाद प्रशांत किशोर क्या करेंगे?
एक्जिट पोल्स ने प्रशांत किशोर के दावों को ठहराया झूठा
गौरतलब है कि गुरुवार देर शाम आए एग्जिट पोल्स के मुताबिक बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है. हालांकि, दो बातें सभी एग्जिट पोल्स में समान दिख रही हैं. पहली कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की दुर्गति और दूसरी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दावा फेल होना. यहां कतई नहीं ऊलना चाहिए कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि यदि बीजेपी की सीटें 100 के पार हुईं तो वह अपना काम छोड़ देंगे.
एक चैनल से इंटरव्यू में भी दोहराया था दावा
पहली बार जब उन्होंने ट्विटर पर यह ऐलान किया तो आईपैक के उनके कुछ सहयोगियों ने दावा किया कि पीके ट्विटर छोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार बने प्रशांत किशोर ने एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में साफ किया था कि वह चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे. उन्होंने कहा था कि यदि बीजेपी की 100 से सीटें आती हैं तो उनके काम का कोई मतलब नहीं रह जाता है. उन्होंने कहा था कि मैं जो भी काम कर रहा हूं, जिसकी वजह से आप मुझसे बात कर रहे हैं, रणनीतिकार कह रहे हैं, कोई कुछ और कहता है, जो भी मैं काम कर रहा हूं उसका कोई मतलब नहीं रह जाता है, यदि बीजेपी की यहां 100 से ज्यादा सीटें आती हैं.
तो अब क्या करेंगे प्रशांत किशोर?
कुछ एग्जिट पोल्स दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में 10 सालों से सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस एक बार सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी तो वहीं पिछले चुनाव में महज 3 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी को बड़ा फायदा होता दिख रहा है. सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी को 100 के पार दिखाया गया है तो 4 एग्जिट पोल्स में उसे बहुमत से लेकर बंपर सीटें तक मिलने का अनुमान जताया गया है. इसके साथ ही यह सवाल उठना शुरू हो गए हैं कि क्या प्रशांत किशोर भविष्य में चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नजर आएंगे या फिर अपने दावे के मुताबिक बीजेपी के 100 से ज्यादा सीटें जीतने पर अपनी इस भूमिका से संन्यास ले लेंगे?