ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में लौटे लोगों को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना में प्रगति लाने हेतु सभी जिलों को सख्त निदेश दिया गया है एवं उन्हें मजदूरी एवं सामग्री मद में भुगतान हेतु प्रयाप्त राशि उपलब्ध करायी जा रही है।
इसी क्रम में विभाग द्वारा मजदूरी मद में ५६९ करोड़ ७० लाख रुपये एवं सामग्री मद में ९६३ करोड़ रुपये से अधिक की राशि विमुक्त की गयी है ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब नहीं हो। ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वर्तमान में कुल ७ हजार ९९४ ग्राम पंचायतों में कुल ३ लाख ६४ हजार ६८ मनरेगा योजना में काम चल रहा है‚ जिसमें ३ लाख २९ हजार ६९५ व्यक्तिगत श्रेणी के‚ १० हजार ३५० योजनाएं जल संरक्षण/सूIम सिंचाई/पंरपरागत जल स्त्रोत की योजनाएं‚ १४ हजार ९८० योजनाएं सार्वजनिक भूमि पर पौधारोपण की तथा ९ हजार ४३ अन्य योजनाएं है। मंत्री श्री कुमार ने बताया कि एक दिन में ९ लाख २५ हजार ४७२ मानव दिवस का सृजन किया गया‚ जबकि वित्तीय वर्ष २०२१–२२ में अबतक १ करोड़ १४ लाख १० हजार १७६ मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है‚ साथ ही वित्तीय वर्ष २०२१–२२ में अब तक २८ हजार १०८ नये जॉब कार्ड़ बनाये गये हैं जिससे ४७ हजार १५६ लोगों का जोड़ा गया है। कोरोना संक्रमण के चलते उत्पन्न परिस्थितियों का जिक्र करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन एवं कार्य स्थल पर प्रबन्धन के संबंध में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवश्यक दिशा–निर्देश जिलो को भेजे गये हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर पर जॉब कार्ड़ उपलब्ध कराने आदि कई निदेश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग कोरोना संक्रमण काल में अपने दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन करता रहेगा। मंत्री ने कहा‚ प्रवासियों को नहीं होने दी जायेगी रोजगार की कमी॥
बिहार में स्थगित हो सकता है भूमि सर्वेक्षण का काम !
बिहार भूमि सर्वेक्षण स्थगित हो सकता है. जी हां, आप एकदम सही पढ़ रहे हैं. कभी जमीन सर्वे का बंद...