राज्य सरकार ने नाइट कफ्र्यू के समय को बृहस्पतिवार से बढाने का फैसला लिया है। प्रदेश में नाइट कफ्र्यू अब शाम छह बजे से ही लागू होगा‚ जो छह बजे सुबह तक रहेगा। इस तरह नाइट कफ्र्यू अब १२ घंटे का होगा। इसके साथ ही सभी दुकानें अब शाम ४ बजे ही बंद हो जायेंगी। कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार अब राज्य सरकार अपने खर्च करेगी। इसके दायरे में वैसे मृतक भी आएंगे‚ जिनमें लक्षण थे‚ लेकिन वह कोविड टेस्ट में निगेटिव पाये गये थे। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत व विकास आयुक्त आमिर सुबहानी ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी। हालांकि नाइट कफ्र्यू का यह नियम पब्लिक ट्रांसपोर्ट‚ कृषि कार्य‚ औद्योगिक इकाइयों‚ निर्माण कार्य‚ स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों और इससे संबंधित कार्यों‚ ठेले पर फल–सब्जी की बिक्री करने वालों‚ रेस्टोरेंट्स इत्यादि पर लागू नहीं होंगे। रेस्टोरेंट में रात ९ बजे तक खाना पैक करवाकर ले जाने की सुविधा जारी रहेगी। यह सख्तियां २९ अप्रैल से लागू होकर १५ मई तक या अगले आदेश तक जारी रहेंगी। आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को छोडकर अब सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में अब २५ प्रतिशत उपस्थिति ही रहेगी। सभी कर्मियों (सरकारी एवं गैर–सरकारी सेवक) को घर से काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय शाम चार बजे बंद हो जाएंगे। एलोपैथिक‚ आयुष‚ यूनानी‚ डेंटिस्ट चिकित्सकय‚ लैब टेक्नीसियन‚ नर्स‚ पारा मेडिकल स्टाफ एव एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक–इन–इंटरव्यू के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाए। इसमें सभी सेवानिवृत्त चिकित्सकों‚ एलोपैथिक‚ आयुष‚ डेंटिस्ट को भी आवश्यकतानुसार लगाया जाएगा। कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही टेस्ट में निगेटिव हों) को भी अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जाए। सभी वेंटिलेटर को चालू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला पदाधिकारी अपने–अपने स्तर से सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे। पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से चुनाव से लौटे पुलिसकर्मियों की कोविड जांच की जाए। इसमें यह ध्यान रखा जाए कि वे अन्य लोगों से मिलें नहीं‚ जिससे कोविड का संकमण नहीं फैले। रेमडेसिविर एवं अन्य दवाएं आवश्यकता पडने पर मरीजों को आसानी से एवं एक निर्धारित प्रकिया के अंदर मिल जाये‚ इसकी सुनिश्चित व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करे। बढते संकमण को देखते हुए आवश्यकतानुसार हर जिले में किराये पर एम्बुलेंस ली जायेगी। मुजफ्फरपुर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अतिरिक्त अस्थायी अस्पताल का निर्माण भी कराया जायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार तीन दिनों से मैराथन बैठक कर रहे थे। सोमवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास १‚ अणे मार्ग पर अधिकारियों के साथ बैठक की थी‚ जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग‚ आपदा विभाग सहित कोरोना से जुडे संबंधित विभागों से फीडबैक लिया। बैठक के तुरंत बाद वे पटना की सडकों पर निकल पडे थे। मुख्यमंत्री उन जगहों पर गए जहां भीडभाड रहने की संभावना रहती है। इसके दूसरे दिन‚ यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों के ड़ीएम–एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की और सभी जिलों से फीडबैक लिया था। अब यह भी संकेत मिल रहे हैं कि राज्य में वीकेंड लॉकडाउन लगाया जा सकता है। हालांकि सरकार ने अभी पूरे प्रदेश में धारा १४४ के तहत पाबंदियां लागू करने और नाइट कफ्र्यू की समय सीमा बढाने का ही निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सभी ड़ीएम–एसपी को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोताही न हो‚ इस पर विशेष ध्यान दें। समस्या को कैसे कम किया जा सकता है‚ इस पर सकारात्मक रवैये के साथ काम करें। १ मई से १८ वर्ष से ४४ वर्ष के लोगों का भी टीकाकरण कराया जाएगा। राज्य सरकार मुफ्त टीकाकरण कराएगी। टीकाकरण को लेकर पूरी तैयारी रखें। अधिकारी सक्रिय रहेंगे तो लोग नियंत्रित रहेंगे‚ मूवमेंट सीमित होगा और कोरोना का फैलाव कम से कम होगा। जिलों में इलाज की पूरी व्यवस्था रखें‚ अनुमंडल स्तर पर भी पूरी तैयारी रखें। आईजीआईएमएस पटना को डेडिकेटेड अस्पताल बनाएं। स्वास्थ्य विभाग अल्टरनेट डे पर सभी जिलाधिकारियों से कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की जानकारी ले और उसके आधार पर जरूरी कदम उठाए। माइकिंग द्वारा गांव–गांव तक कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को सतर्क और सजग करने के लिए निरंतर अभियान चलाएं। उन्हें अगल–बगल के गांव और मोहल्लों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बताएं। उसके फैलाव के बारे में लोगों को सचेत करें।