बिहार चुनाव से पहले BJP ने जनता से वादा किया था कि हमारी सरकार बनी तो सबको मुफ्त में कोरोना का टीका दिया जाएगा। उस समय कोई शर्त नहीं थी, लेकिन सरकार बनने के बाद अब इसी पार्टी से राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी ने नया सुझाव दिया है। 1 मई से जब 18+ के लोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है तो उन्होंने यह सुझाव दिया है कि सरकार मुफ्त कोरोना वैक्सीनेशन को भी गैस सब्सिडी मॉडल का रूप दे। दरअसल उनका कहना यह है कि अगर सरकार सम्पन्न लोगों को कोरोना वैक्सीन का मूल्य चुकाने का विकल्प देगी तो इससे गरीबों के लिए साधन बढ़ेंगे।
वैक्सीन का कोई न्यूनतम मूल्य तय किया जाए
सुशील मोदी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र और बिहार सहित कई राज्यों की सरकारें मुफ्त टीकाकरण अभियान चला रही हैं, लेकिन 1 मई से जब 18 पार के लोगों का भी टीकाकरण शुरू हो रहा है, तब सरकार के संसाधनों पर दबाव बढेगा। इसे देखते हुए कोरोना की दोनों वैक्सीन का कोई न्यूनतम मूल्य तय किया जाना चाहिए और विकल्प दिया जाना चाहिए कि जो लोग वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं, वे अवश्य भुगतान करें। उन्होंने कहा है कि यह बाध्यकारी नहीं, स्वैच्छिक होना चाहिए।
गरीबों के इलाज के लिए ज्यादा संसाधन बढ़ेंगे
उनका कहना है कि यदि राज्य सरकार ने वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दिया तो गरीबों के टीकाकरण और इलाज के लिए ज्यादा संसाधन होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर जैसे समाज के समर्थ लोग गैस सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ चुके हैं वैसे ही वे इस कठिन दौर में कोरोना वैक्सीन की कीमत चुकाने में भी पीछे नहीं रहेंगे।
अभी क्या मूल्य है वैक्सीन का
केंद्र सरकार ने कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली दोनों स्वदेशी कंपनियों से इसके दाम कम करने की अपील की है। अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का मूल्य राज्यों के लिए 600 रुपए और निजी अस्पतालों के लिए 1200 प्रति वायल है। कोविशील्ड राज्यों को 400 रुपए और निजी अस्पतालों को 600 रुपए प्रति वायल की दर से खरीदनी पड़ रही है।
वैक्सीन ही खा जाएगा बिहार के हेल्थ बजट का 32 प्रतिशत
18 साल से उपर के लोगों के लिए वैक्सीन की घोषणा कर दी गई है। 1 मई से सभी लोग ये टीका ले सकेंगे। बिहार राज्य की बात करें तो 18 साल से लेकर 49 साल के लोगों की संख्या 5 करोड़ 34 लाख 51 हजार 606 हैं। बिहार में 1 मई से लगभग इतने लोग कोरोना के टीके लेने के तैयार हो जाएंगे। बिहार सरकार को इतने वैक्सीन की जरूरत 1 मई से हो जाएगी। यदि बिहार सरकार पहली डोज के लिए वैक्सीन SII से खरीदती है तो उसे 2,138 करोड़ 6 लाख 42 हजार 400 रुपए खर्च करने होंगे। उसके तुरंत बाद दूसरी डोज के लिए भी इतने ही वैक्सीन की जरूरत होगी। दोनों को मिला लें तो इसके लिए अलग से 10 करोड़ 69 लाख 3 हजार 212 डोज की जरूरत पड़ेगी। दोनों डोज मिलाकर बिहार सरकार को 4,276 करोड़ 12 लाख 84 हजार 800 रुपये CII को देने होंगे।