कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अब प्रवासी मजदूर एक बार फिर से अपने घर लौटने लगे हैं. ऐसे में बिहार सरकार इस बार प्रवासी मजदूरों को उद्यमी बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार ने प्रवासी मजदूरों के उत्थान के लिए उद्यमी योजना को और ज्यादा आसान बना दिया है.
इस योजना के बारे में बात करते हुए श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान 9.50 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग की गई थी. जिसके आधार पर 3.50 लाख लोगों को रोजगार दिया गया था. वहीं, अब जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जो मजदूर वापस लौट रहें हैं. उन्हें भी सरकार रोजगार देने की तैयारी कर रही है.
इस दौरान वापस आने वाले मजदूरों की एक बार फिर से स्किल मैपिंग की जाएगी. जिसके बाद आधार पर उन्हें 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार नए उद्योगों को 45 दिन चलाने की तक हालात में लाना चाहती है. इसके अलावा इस योजना में सरकार की ओर से पांच लाख का अनुदान दिया जाएगा, शेष बचे पांच लाख 84 किस्तों में वापस करना होगा.
राज्यों से बिहार लौट रहे कुशल मजदूरों को स्वरोजगार शुरू कराने के लिए प्रत्येक जिले को अब 75 लाख रुपये दिये जायेंगे़ इससे पहले प्रत्येक जिले के लिए यह राशि 50 लाख रुपये तक ही थी़.
सरकार ने मजदूरों के वापसी की संभावनाओं को देखते हुए इस बार जिले की निवेश राशि में इजाफा किया है़ यह समूची कवायद जिला औद्योगिक नव परिवर्तन निधि योजना के तहत की जानी है़ राशि 75 लाख करने की पुष्टि उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने की है़.
इस योजना के तहत दूसरे राज्यों से घर आये दूसरे प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार उद्योग लगाने के लिए मदद करती है़ हर इकाई से न्यूनतम 10 मजदूर व अधिकतम 50 मजदूरों को रोजगार प्राप्त होगा़
पंचायत स्तर पर कैंप लगाया जायेगा
इस योजना के तहत यूनिट मजदूरों के स्वयं सहायता समूह के नाम से पंजीबद्ध कराना होगा. जिला पदाधिकारी इस मामले में अंतिम निर्णय लेते हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के बाद अपने घर लौटे कुशल कारीगर को पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर उसके ट्रेड के मुताबिक समूह बनाकर उनकी कार्य के दक्षता के अनुरूप परियोजना लगाने के लिए स्किल्ड लेबर ग्रुप्स को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध करायेगी़ इस संदर्भ में लॉकडाउन वन में चनपटिया में कलस्टर लगाकर दर्जनों यूनिट खोली गयी थीं.
‘अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की व्यवस्था करेंगे’
प्रदेश की खाद्य मंत्री लेसी सिंह ने कहा है कि अगर कोविड संक्रमण के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बिहार मजदूर लौटेंगे तो उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की व्यवस्था की जायेगी़ राज्य सरकार इस दिशा में पूरी तरह संवेदनशील है़ लेसी सिंह ने कहा कि विभाग पूरे परिदृश्य पर निगाह रखे हुए है. जरूरत पड़ने पर तत्काल कदम उठाये जायेंगे़
इधर, शिक्षा विभाग 2021-22 के लिए सबसे अधिक दूसरे राज्यों से परिवार सहित लौटे बच्चों की पढ़ाई के लिए भी बजट की मांग करने जा रहा है़ इस बार आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या अभी बढ़ सकती है़ लिहाजा अधिक बजट की मांग की जायेगी़
बता दें कि पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से कई जगहों पर लॉकडाउन लग रहा है. ऐसे में मजदूर एक बार फिर से अपने घर वापस लौटने की तैयारी कर रहे हैं.