कोरोना के मामले बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं. संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. पटना जिले के अधिकतर अस्पताल पूरी तरह पैक हो चुके हैं. प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए आरक्षित सभी बेड अभी ही फुल हो चुके हैं. जिसके कारण कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों से मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. हालात की गंभीरता को देखते हुए राजधानी पटना सहित आसपास के 29 अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित कराया गया है. इन अस्पतालों में सरकारी दरों पर इलाज होगा.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत लगातार खुद मोर्चा संभाले हुए हैं और रोज अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं. प्रत्यय अमृत पीएमसीएच और एनएमसीएच जाकर जहां कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों का हालचाल लिया. वहीं, अधीक्षक और प्राचार्य को हालात देखते हुए बेड की क्षमता बढ़ाने का भी निर्देश दिया. अब पीएमसीएच में 150 बेड का कोविड वार्ड होगा, वहीं एनएमसीएच में भी 45 बेड बढ़ाने के बाद 145 बेड का कोविड वार्ड होगा.
चर्चा यह भी है कि एम्स को पूरी तरह से कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है. प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि जल्द ही एम्स को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने पर फैसला लिया जाएगा. हैरानी की बात तो यह है कि इतने के बाद भी लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं और बाजार में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को मजाक बनाते नजर आ रहे हैं जिससे की स्थिति और खतरनाक हो सकती है.
इन 29 प्राइवेट अस्पतालों में सरकारी दरों पर होगा इलाज
पटना के पीएमसीएच, एम्स,पारस और रुबन जैसे अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण अब पटना व आसपास के जिन 29 अस्पतालों का चयन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया गया है उनमें हाइटेक अस्पताल, सगुना मोड, समय हॉस्पिटल, सगुना मोड नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बिहटा,बिग अपोलो हॉस्पिटल,पारस,गेटवे,राई नर्सिंग, आरएन हॉस्पिटल, रुबन पाटलिपुत्र, मेडीपार्क,सहयोग, राजेश्वर हॉस्पिटल,ज्योति सिन्हा मेमोरियल अस्पताल, कंफोर्ड हॉस्पिटल न्यू बाइपास, पुष्पांजलि, राज ट्रस्ट मीठापुर, फोर्ड, साईं, मेडिजोन, मेडीवर्सल, अरविंद हॉस्पिटल, जगदीश मेमोरियल, होली क्रास मल्टी हॉस्पिटल, उदयन हॉस्पिटल, निक्की अस्पताल, बुद्धा कैंसर अस्पताल, अटलांटिस व मुरलीधर हास्पिटल बाढ़ शामिल हैं.
अस्पतालों में नो-बेड का नोटिस चिपकाया जा रहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी अस्पतालों में सरकारी दरों पर कोरोना मरीजों का इलाज किया जायेगा. जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद और बेडों की समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. बता दें कि सोमवार को ऐसे हालात बन गए कि पटना के एनएमसीएच अस्पताल में नो-बेड का नोटिस चिपकाया मिला. मरीजों के परिजन निजी अस्पतालों में बेड खोजने लगे लेकिन उन्हें वहां से भी निराश होकर लौटना पड़ा.
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पटना में सोमवार को कुल 1197 नये कोरोना संक्रमित मरीज
गरीब मरीजों के लिए पटना में एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच ही एकमात्र सहारा है. उनके पास प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की ताकत नहीं होती है. जिसका ख्याल रखना बेहद जरुरी है. इन 29 अस्पतालों में सरकारी दरों पर इलाज करने का फैसला इनके लिए बेहद सहायक साबित होगा. सरकारी अस्पतालों में लगाए गए अतिरिक्त बेड तक अभी फुल हैं. बता दें कि पटना में सोमवार को कुल 1197 नये कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं.