कोरोना मौत का तांडव कर रहा है। हर दिन मरने वालों का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ने वाला है। सोमवार को 24 घंटे में 11 लोगों की मौत हुई है। इसमें पटना के पत्रकार नगर में एक संक्रमित की मौत से हड़कंप मचा है। पटना PMCH में 5, NMCH में 3 और AIIMS में 3 संक्रमितों की मौत हुई है। संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर अब भी लोग अलर्ट नहीं हुए तो कोरोना का संक्रमण मौत का खतरा बढ़ाएगा। पटना AIIMS में सोमवार की शाम बोरिंग कैनाल रोड की एक महिला की मौत से भी हड़कंप मच गया है। घरों को सैनिटाइज करने के साथ मोहल्ले में लोगाें को अलर्ट किया जा रहा है।
सोमवार को राजधानी में कोरोना संक्रमित छह मरीजों की मौत हो गयी। इनमें तीन लोगों की मौत पटना सिटी स्थित एनएमसीएच में जबकि तीन अन्य की मौत पटना एम्स में हो गयी। एनएमसीएच में मरने वाले कोरोना पीडि़तों में नौ अप्रैल को भर्ती सीतामढ़øी निवासी ७२ वर्षीय उमेश लाल‚ १० अप्रैल को भर्ती जानकी नगर‚ पत्रकार नगर‚ पटना निवासी ६५ वर्षीय राधेश्वर एम गुप्ता एवं ११ अप्रील को भर्ती मधेपुरा निवासी ८० वर्षीय फजाल्लाह खान शामिल हैं। उमेश लाल और राधेश्वर की मौत सोमवार को हुई‚ जबकि फजाल्लाह खान की मौत रविवार की देर रात हुई। अस्पताल अधीक्षक ड़ॉ. विनोद कुमार सिंह एवं एपिडे़मियोलॉजिस्ट ड़ॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि तीनों मरीजों को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताते चलें कि इस अस्पताल में अब तक २२६ कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। साथ ही‚ ३० से अधिक कोरोना संदिग्ध मरीजों की भी मौत हुई है। ॥ एनएमसीएच के अधीक्षक ड़ॉ. विनोद कुमार सिंह एवं एपिडे़मिलॉजिस्ट व नोड़ल पदाधिकारी ड़ॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि आज अस्पताल में १५ मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है। वहीं आज सात मरीजों को आज डि़स्चार्ज कर दिया गया। डि़स्चार्ज किये गये मरीजों को १४ दिन होम क्वारेंटाइन में रहने के साथ–साथ सोशल डि़स्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में अभी ९६ मरीजों का इलाज चल रहा है। अस्पताल में अभी चार बेड़ कोरोना मरीजों के लिए खाली हैं।
इधर‚ पटना एम्स में सोमवार को तीन कोरोना पीडि़़तों की मौत कोरोना से हो गयी। एम्स के कोरोना नोड़ल ऑफिसर ड़ॉ. संजीव कुमार के मुताबिक‚ पटना एम्स में कटिहार के ४० वर्षीय राकेश कुमार‚ अररिया के ५४ वर्षीय अजय कुमार सिंह जबकि बुद्धा कालोनी की ५३ वर्षीय आशा कुमारी की मौत हो गयी है। वहीं सोमवार को एम्स के आइसोलेशन वार्ड़ में १३ नये मरीजों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इनमें झारखंड़‚ पटना‚ सिवान‚ बांका और खगडि़या के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा एम्स में १३ लोगों ने कोरोना को मात दिया जिन्हें अस्पताल से डि़स्चार्ज कर दिया गया वहीं कुल १०६ मरीज एड़मिट हुए।
१२१४ सैंपल की जांच में ८४ में बीमारी की हुई पुष्टि
एनएमसीएच एवं एसजीजीएस अस्पताल में सोमवार की शाम पांच बजे तक १२१४ सैंपल की हुई जांच में ८४ कोरोना संक्रमित मिले। इस संबंध में कॉलेज प्राचार्य ड़ॉ. हीरालाल महतो एवं माइक्रोबॉयोलॉजी के विभागाध्यक्ष सह नोड़ल पदाधिकारी ड़ॉ. संजय कुमार ने बताया कि एनएमसीएच में आरटीपीसीआर मशीन से ९८१ मरीजों के सैंपल की जांच की गयी‚ जिसमें ५७ में बीमारी की पुष्टि हुई। इनमें एनएमसीएच के ४० और वैशाली के १६ मरीज शामिल हैं। सैंपल संग्रह में नोड़ल पदाधिकारी ड़ॉ. अजय कुमार सिन्हा‚ कर्मी घनश्याम सहित अन्य सक्रिय थे। वहीं‚ एसजीजीएस अस्पताल में ४६६ सैंपल जांच के लिए एकत्रित किये गये‚ जिसमें रैपिड़ एंटीजन किट से २३३ लोगों की कोरोना जांच में २७ में संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल प्रबंधक शब्बीर खान ने बताया कि शेष २३३ सैंपल को आरटीपीसीआर जांच के लिए जिला के माध्यम से अगमकुआं स्थित आरएमआरआई भेजा गया है।
कंगनघाट स्थित आइसोलेशन वार्ड़ में दो मरीज भर्ती
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कंगनघाट में १०० बेड़ का आइसोलेशन वार्ड़ बनाया गया है। कंगनघाट स्थित पर्यटक सूचना केन्द्र भवन में बने आइसोलेशन वार्ड़ में सोमवार को दो मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। नोड़ल चिकित्सा पदाधिकारी ड़ॉ. आरआर चौधरी एवं अस्पताल प्रबंधक शब्बीर खान ने बताया कि दो भर्ती मरीजों का इलाज सरकार के गाइड़लाइन के मुताबिक किया जा रहा है।
PMCH में 5 संक्रमितों की चली गई जान
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में 5 संक्रमितों की जान चली गई है। कोरोना वार्ड के नोडल डॉ अरुण अजय ने बताया कि सोमवार को कुल 80 मरीज भर्ती हैं। पांच संक्रमितों की जान चली गई है। संक्रमितों की सेहत में सुधार नहीं हो रहा था। इस कारण से इलाज के दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ बढ़ गई थी। काफी प्रयास करने के बाद भी ऑक्सीजन का लेवल नहीं बढ़ा। इस कारण इलाज के दौरान पांच मरीजों ने सोमवार को दम तोड़ दिया।
AIIMS में 3 संक्रमितों की मौत
पटना AIIMS में सोमवार को 3 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हुई है। कटिहार के आजम नगर के रहने वाले 40 साल के राकेश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई है। इसी तरह फारबिसगंज अररिया बिहार के रहने वाले 54 साल के अजय कुमार सिंह की भी मौत हो गई है। ज्योति कुंज केएमसी बोरिंग कैनाल रोड बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र की रहने वाली 53 साल की आशा कुमारी की मौत से भी हड़कंप है। इलाज के दौरान पटना AIMS में उनकी मौत हुई है। इस घटना के बाद प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है। मोहल्ले में सैनिटाइजेशन के साथ कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है।
24 घंटे में 4 डॉक्टर भी संक्रमित
पटना AIMS में 24 घंटे के अंदर 3 फैकल्टी और 4 रिजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जबकि फैकल्टी होम आइसोलेशन में हैं।
NMCH में 3 संक्रमितों की हुई मौत
नालंदा मेडिकल कॉलेज में सोमवार को फिर 3 संक्रमितों की जान चली गई है। तीनों कोरोना के सीवियर अटैक से पीड़ित थे और सांस में काफी समस्या आ गई थी। इसमें एक संक्रमित पटना के पत्रकार नगर थाना एरिया का है। पत्रकार नगर और कंकड़बाग में कोरोना के अधिक मामले हैं और जब कोई मौत होती है तो एरिया में हड़कंप मच जाता है। अन्य दो मरने वालों में एक सीमामढ़ी का है और दूसरा मधेपुरा का रहने वाला है।
संक्रमण ने जकड़ा था राधेश्याम को
64 साल के राधेश्याम पत्रकार नगर के जानकी नगर के रहने वाले थे। वह घर से कहीं बाहर नहीं निकलते थे। कोरोना काल में कहां से संक्रमित हो गए कुछ पता ही नहीं चल सका। लक्षण के बाद घर वालों ने NMCH में भर्ती कराया था। इसके बाद हालत में कोई सुधार नहीं हुई। हालत बिगड़ती गई और सोमवार को उनकी मौत हो गई। कंकड़बाग एरिया में सबसे अधिक संक्रमण है, इसके बाद भी लोग यहां संक्रमण को लेकर डर नहीं रहे हैं। कंकड़बाग क्षेत्र के संक्रमिताें में भी इस घटना के बाद चिंता बढ़ गई है, लेकिन संक्रमण के बाद भी बाजार में भीड़ लगाने वालों के साथ बिना मास्क के घूमने वालों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
सीतामढ़ी के उमेश को भी चेस्ट में था इंफेक्शन
सीतामढ़ी के रहने वाले उमेशलाल के फेफड़े में वायरस ने संक्रमण का दायरा बढ़ा दिया था। लक्षण को कम ही समय में ऐसा हो गया। संक्रमण का पता चलने के बाद उन्हें NMCH में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज से कोई राहत नहीं मिली। लगातार हालात बिगड़ी गई। सांस लेने में तकलीफ बढ़ गई। पहले से भी बीमारी थी, जिससे कोरोना भारी पड़ गया और नालंदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान जान चली गई।
मधेपुराके फजल्लाह की भी हालत दो दिन में बिगड़ी
मधेपुरा के रहने वाले फजल्लाह की हालत भी दो दिनों मेंकाफी बिगड़ गई। वह 80 साल के थे। इस कारण से कोरोना उन पर काफी भारी पड़ गया। संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें नालंदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। इलाज से विशेष राहत नहीं मिल रही थी। संक्रमण का दायरा शरीर में काफी बढ़ गया था। इससे उन्हें काफी परेशानी हो गई थी। इलाज के दौरान सोमवार को NMCH में उनकी भी मौत हो गई।