बिहार में अबतक 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियां सामने आई हैं। पंचायती राज विभाग ने इन सभी वार्ड के मुखिया पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ऐसे सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि संबंधित डीएम, डीपीआरओ और बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि ऐसी किसी भी पंचायत से शिकायत आने पर वहां के संबंधित मुखिया और वार्ड सदस्य को सबसे पहले नोटिस भेजा जाएगा। यदि 15 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर पंचायती राज विभाग उसपर कार्रवाई करेगा।
मंत्री का कहना है कि जो मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट यानी योग्यता प्रमाणपत्र नहीं देंगे उनपर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नल जल योजना के अंतर्गत जिन पंचायतों में नल से पानी नहीं निकलता है उन्हें हम पूरा नहीं मानेंगे। इन सभी वार्ड के मुखिया और अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, सरकार नल जल योजना में गड़बड़ी को लेकर काफी सख्त है। विभाग ने अधिकारियों को ऐसी किसी भी गड़बड़ी को लेकर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। प्रमंडलीय आयुक्त और राज्य सरकार द्वारा पद से हटाए गए मुखिया या उपमुखिया यदि इस बार पंचायत चुनाव में नामांकन करते हैं तो उनका नामांकन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी हैं। ऐसे मुखिया और उपमुखिया पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं जिन्हें शक्तियों के दुरुपयोग और दुराचार का दोषी पाए जाने के आरोप में हटाया गया हो और न्यायालय ने उस आदेश को स्थगित या रद्द न किया हो।