नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्यपाल को विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों के साथ हुई मारपीट, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 को पास कराने से जुड़ा पत्र लिखा है और साथ में CD भी भेजी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सिपहसलारों के इशारे पर सदन के अंदर पुलिस प्रशासन द्वारा बर्बर तरीके से हिंसक कार्रवाई की गई। संविधान के मूल्यों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विधायकों पर पुलिसिया हिंसा इसका उदाहरण है कि विशेष पुलिस बल को विशेष अधिकार प्रदान करना कितना घातक और खतरनाक हो सकता है।
मुख्यमंत्री -सह- गृह मंत्री की आज्ञा से हिंसक बल प्रयोग
उन्होंने कहा है कि विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री के इरादे और इशारे के अनुरूप जिस प्रकार की आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया, उससे विधानसभा की गौरवशाली परंपरा लहूलुहान हुई है। विपक्षी दलों के सभी सदस्यों पर मुख्यमंत्री-सह-गृह मंत्री की आज्ञा से हिंसक बल प्रयोग में कई माननीय सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए और वे PMCH सहित अन्य अस्पतालों में इलाजरत हैं। इनमें से मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के सिर पर इतनी गंभीर चोट आई है कि वे PMCH की ICU में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। महिला विधायकों के साथ जिस प्रकार की अशोभनीय हरकतें हुईं, उसका आपके समक्ष वर्णन भी नहीं किया जा सकता।
किसके इशारे पर महिला विधायकों को घसीटा जा रहा था ?
तेजस्वी यादव ने सवाल किया है कि आखिर किसके इशारे पर महिला विधायकों को घसीटा जा रहा था ? किसके इशारे पर बाल खींचे जा रहे थे और उनकी साड़ियां खोली जा रही थीं ? महामहिम, ये लोकतंत्र के चीरहरण का ऐसा मंजर था, जिससे बिहारी मानस आहत हुआ है। कहा है कि महामहिम आप अलोकतांत्रिक घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए इस अलोकतांत्रिक और निरंकुश सरकार की बर्खास्तगी की सिफारिश करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें।