बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर ईवीएम की खरीद को लेकर विवाद अब तक नहीं सुलझा है। हालांकि भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर राज्य निर्वाचन आयोग के साथ सोमवार को आधिकारिक बैठक होगी। इसमें अगर दोनों संवैधानिक संस्थाओं के बीच कोई सहमति नहीं बनी तो छह अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय में पूरे मामले की सुनवाई होगी।
आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पटना उच्च न्यायलय में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मल्टीपोस्ट ईवीएम की आपूर्ति से जुड़े विवाद को लेकर दाखिल की गयी याचिका पर छह अप्रैल (मंगलवार) को सुनवाई होनी है। वहीं, रविवार को इस मामले में एक नया मोड़ आ गया। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर सोमवार को 11 बजे दिल्ली में वार्ता आयोजित करने का प्रस्ताव दिया। इसमें राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। सूत्रों ने बताया कि मुख्य आयुक्त के इतनी जल्दीबाजी में दिल्ली जाना संभव नहीं होने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को ऑनलाइन बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है।
बैठक में मल्टीपोस्ट ईवीएम को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पर होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार सोमवार को आयोजित होने वाली बैठक में मल्टीपोस्ट ईवीएम की आपूर्ति को लेकर अनापत्ति प्रमाणपत्र देने को लेकर चर्चा होगी। भारत निर्वाचन आयोग को हैदराबाद की ईवीएम आपूर्तिकर्ता कंपनी ईसीआईएल के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करना है। इसके बाद ही, ईवीएम की आपूत्ति की जा सकेगी। सूत्रों के अनुसार, अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने या नहीं करने को लेकर भारत निर्वाचन आयोग अबतक स्पष्ट निर्णय नहीं ले सका है। राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह से उच्च न्यायालय के न्याय-निर्णय का पालन करने को तैयार है।
याचिका के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 21 जुलाई, 2020 को जारी किए गए उस पत्र को चुनौती दी गयी है, जिसमें कहा गया है कि हरेक राज्य के निर्वाचन आयोग के लिए ईवीएम व वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति व डिजाइन लेने के पहले भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी लेनी आवश्यक है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार तीन- स्तरीय पंचायती राज चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक युक्त ईवीएम मशीनों की जरूरत है। जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है। इस डिजाइन की ईवीएम आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद स्थित निर्माता कंपनी इसीआइएल तैयार है।