बिहार में पिछले 72 घंटे में जिस तरह से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है उससे कोरोना विस्फोट होने का खतरा बढ़ गया है लेकिन सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा इसमें राजधानी पटना का है जहां एक दिन के अंदर 350 से भी अधिक कोरोना के नए केस मिले हैं, जिसमें 14 साल से कम उम्र के 60 बच्चे भी इस खतरनाक बीमारी के चपेट में आ गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के इस आंकड़े के बाद ही सरकार हरकत में आई और फिर आनन-फानन में क्राइसिस मैनजेमेंट की बैठक में बिहार के सभी स्कूलों को अगले 11 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दे दिया गया.
यह अहम जानकारी खुद पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि कोरोना के इस नए स्ट्रेन में पहली बार इतनी संख्या में बच्चों को संक्रमित पाया गया है जो बेहद चिंताजनक और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती भी है. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने यह भी बताया कि संक्रमित इन बच्चों में से कुछ स्कूली बच्चे भी शामिल हैं, जिसके चलते सरकार को तत्काल स्कूलों को बंद करने का फ़ैसला लेना पड़ा.
पटना शहर के जिन इलाकों में बच्चे संक्रमित हुए हैं उसमें कंकड़बाग, पत्रकार नगर, कदमकुआं, शास्त्रीनगर, गर्दनीबाग, फुलवारीशरीफ और बोरिंग रोड भी शामिल है. इन इलाकों में पदाधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना के गाइडलाइंस का हर हाल में पालन होना चाहिए. मास्क सेनेटाइजर और सोशल डिस्टनसिंग रखना बेहद जरूरी है. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जिस तरह से कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है ये हम सबके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण है.
पटना के डीएम ने राजधानी वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के इस खतरे से बचने के लिए लोगों को कोरोना के गाइडलाइंस का हर हाल में पालन करना चाहिए, खासकर बच्चों को लेकर गार्जियन को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.