होली के बाद सूबे के करोडों लोगों को राज्य की नीतीश सरकार ने बडी सौगात दी है। बिहार में जमीन की खरीद–बिक्री की प्रक्रिया अब पहले से आसान हो गयी है। लोगों को जमीन के दाखिल–खारिज के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय नहीं जाना होगा। आवेदन भी नहीं करना होगा। एक अप्रैल से मकान‚ दुकान‚ फ्लैट–जमीन आदि की रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक शुरू हो गयी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत राय‚ अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने गुरुवार को सूमोटो म्यूटेशन की व्यवस्था को लांच किया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आईटी शाखा‚ एनआईसी‚ पटना और निबंधन विभाग के प्रयास से लोगों को ये सुविधा मिली है। अब तक लोगों को म्यूटेशन के लिए रजिस्ट्री कराने के बाद डीड की फोटो कॉपी लगाकर ऑनलाइन आवेदन करना पडता था। अभी जमाबंदीदार से जमीन खरीदने पर ही यह सुविधा॥ अभी यह सुविधा सिर्फ उन्हीं क्रेताओं को दी जायेगी जिन्होंने जमाबंदीदार रैयत से जमीन की खरीद की हो। वैसे विक्रेता जिनके नाम पर जमाबंदी कायम नहीं है और उनके नाम से रसीद भी नहीं कटती है उनसे अगर जमीन की खरीद करते हैं तो पहले की तरह ही ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया के तहत दाखिल–खारिज कराना होगा। विभागीय अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह का कहना है कि सूमोटो म्यूटेशन भूमि सुधार की दिशा में एक क्रांति होगी। इसमें ‘ फिटो’ (फर्स्ट इन‚ फर्स्ट आउट) की व्यवस्था लागू है। रैयत को पहले दो प्रक्रिया से गुजरना पडता था। पहला निबंधन और फिर म्यूटेशन‚ अब एक ही बार में दोनों काम हो जायेगा। अगर विक्रेता अपने नाम से जमाबंदी करा लेते हैं तो इससे विक्रेता और क्रेता दोनों को सहूलियत होगी। साथ ही जमाबंदी को अपडेट कराने के विभाग के प्रयासों को भी बल मिलेगा। ऑनलाइन म्यूटेशन की समय सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले की तरह सामान्य मामलों में ३५ दिन एवं आपत्ति विवाद में ७५ दिन होगा। दस्तावेज अधूरा होने की स्थिति में आवेदक को कागजात प्रस्तुत करने के लिए अलग से ऐसे मैसेज भेजने की शुरुआत भी २६ मार्च से शुरू हो गयी है।
जिसकी रजिस्ट्री पहले होगी‚ म्यूटेशन भी उसका पहले होगा
एनआईसी के तकनीकी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री के लिए क्रेता और विक्रेता जब रजिस्ट्रार के सामने डीड पेश करेंगे तो सूमोटो म्यूटेशन के लिए फॉर्म मिल जायेगा। निबंधक के सामने ही उसे भरकर देना होगा। इसके कुछ घंटों बाद (रात तक) एनआईसी जमीन के डेटा को रजिस्ट्रेशन डिपार्डमेंट के सर्वर से लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के ऑनलाइन सर्वर पर अपलोड कर देगा। सॉफ्टवेयर को अपडेट कर ऐसी प्रणाली विकसित की गयी है कि जमीन की रजिस्ट्री होते ही डीड (दस्तावेज) पीडीएफ फॉमæट में अंचल अधिकारी के लॉग–इन में चला जायेगा। सीओ तुरंत ही म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। जिसकी रजिस्ट्री पहले होगी‚ म्यूटेशन भी उसका पहले हो जायेगा।
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