मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संरक्षण को बहुत जरूरी बताया और कहा कि लोग पानी का दुरुपयोग न करें। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को एक‚ अणे मार्ग स्थित संकल्प में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा ‘गया सीवरेज सिस्टम’ से संबंधित प्रस्तुतीकरण बैठक में कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के अन्तर्गत गंगा नदी के पानी को संग्रहित कर शुद्ध पेयजल के रूप में राजगीर‚ बोधगया‚ गया व नवादा में पहुंचाया जायेगा। लोगों के पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति १३५ लीटर जलापूर्ति की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इन जगहों पर आबादी और बढ़ेगी‚ बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे‚ इन सब चीजों को ध्यान में रखकर पेयजल की बेहतर व्यवस्था के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। भू–जल स्तर को बरकरार रखना है। यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से बहुत ही आवश्यक है। जब गंगा का जल पेयजल के रूप में इन जगहों पर हर घर तक पहुंच जाएगा‚ तो लोग भू–जल का दोहन नहीं करेंगे। इससे भू–जल स्तर हमेशा कायम रहेगा। जल संरक्षण बहुत जरूरी है। लोग जल का सदुपयोग करें‚ दुरुपयोग न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गया जैसे बड़े शहरों में सिवरेज सिस्टम बेहतर रहे‚ इसे ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाकर तेजी से काम करें। गया में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) योजना पर तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि इस बात का अध्ययन करायें कि शोधित जल का सिंचाई के अलावा अन्य दूसरे कार्यों में भी सदुपयोग हो। मुख्यमंत्री को नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने प्रस्तुतीकरण के दौरान गया सिवरेज सिस्टम की वर्तमान स्थिति‚ प्रस्तावित सीवरेज स्कीम‚ पॉपुलेशन एंड सिवेज फ्लो क्वांटिटी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह‚ नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर आदि शामिल थे। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार‚ बुडको के प्रबंध निदेशक रमन कुमार‚ मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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