वाणिज्य–कर विभाग ने इस वित्तीय वर्ष 20-21 में 32000 करोड राजस्व की प्राप्ति की है। पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा 26‚166 करोड का राजस्व संग्रहण किया गया था। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विभाग द्वारा 22.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। वाणिज्य–कर विभाग के कुल राजस्व का 75 प्रतिशत जीएसटी से प्राप्त होता है तथा जीएसटी के बाहर के वस्तु जैसे–पेट्रोलियम‚ विद्युत शुल्क‚ प्रोफेसनल टैक्स से २५ प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति होती है। जहां तक जीएसटी राजस्व संग्रहण की स्थिति है‚ इसमें विभाग द्वारा 16‚000 करोड राजस्व का संग्रहण किया गया है‚ जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में २.६ प्रतिशत ज्यादा है। जीएसटी के बाहर के वस्तुओं पर कर संग्रहण में विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्र्ष की तुलना में १०.४७ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। वाणिज्य–कर विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ. प्रतिमा ने यह जानकारी दी कि विभाग द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी काफी महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजस्व संग्रहण के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं। लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों तथा आर्थिक मंदी में जहां अप्रैल‚ मई‚ तथा जून में राजस्व संग्रहण में पचास से साठ प्रतिशत की कमी आयी थी‚ वहीं विभाग के प्रयास के कारण वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभाग द्वारा सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है। वाणिज्य–कर विभाग के आयुक्त सह सचिव ने यह भी जानकारी दी कि विभाग द्वारा करदाताओं को कोरोना के कारण हुई कठिनाइयों को दूर करने का हर संभव प्रयास लगातार किया गया। विभाग द्वारा करदाताओं की सुविधा के लिए कोराना काल में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय का कार्य भी किया गया। सरकार द्वारा बिहार कराधान विवाद समाधान योजना (वन टाइम सेटलमेंट योजना) लागू की गई‚ जिसके कारण कोरोना काल में वैट से संबंधित बकाया भुगतान करने में करदाताओं को सहुलियत हुई। विभाग द्वारा बडे करदाताओं की विवरणी दाखिल कराने को लगातार अनुश्रवण किया गया‚ जिसके कारण पिछले वित्तीय वर्र्ष की तुलना में विवरणी दाखिल करने में भी काफी उत्साहजनक वृद्धि दिखी। कोरोना काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की बैठकों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित कर लगातार अनुश्रवण की कार्रवाई की गयी। इस काल में करदाताओं को भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से लगातार सहुलियत प्रदान की गयी ताकि उनको किसी भी प्रकार का कोई कठिनाई न हो। पेट्रोल और डीजल के मूल्य में हो रहे लगातार बदलाव के कारण विभाग द्वारा पेट्रोल‚ डीजल के करारोपण में काफी सुधार किये गये‚ जिसके कारण पेट्रोल‚ डीजल से भी अच्छी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति हुई है। विभाग की इंटेलिजेंस टीम द्वारा तीसरी आंख की तरह वैसे करदाताओं पर निगरानी रखी गयी‚ जो इस दौरान करवंचना का प्रयास कर रहे थे। ऐसे अनेक करदाता‚ जो करवंचना में शामिल पाये गये. उनका क्रेडिट ब्लॉक भी किया गया तथा साथ में उनके विरुûद्ध कार्रवाई भी की गयी। इसके परिणाम स्वरूप करदेयता में काफी वृद्धि हुई है। सारे कार्य ऑनलाइन किये गये ताकि लॉकडाउन के बावजूद कार्यो को समय पर निष्पादित किया जा सके।
रुपया रोज बना रहा गिरने का रिकॉर्ड…
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