बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने की कवायद चल रही है. बिहार में करीब ढ़ाई लाख त्रिस्तरीय पंचायत पदों पर चुनाव कराया जाना है, लेकिन चुनाव कब होगा ये मामला अब अधर में फंस गया है. राज्य चुनाव आयोग ईवीएम से चुनाव कराना चाहती है. राज्य सरकार ने इसकी अनुमति देकर EVM खरीद के लिए राशि आवंटित कर दी है लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग की अनुमति अब तक नहीं मिली है. इसको लेकर मामला पटना हाई कोर्ट में है.
जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव में इस बार समय सीमा बढ़ती जा रही है. पिछली बार पंचायत चुनाव की अधिसूचना 25 फरवरी को जारी की गई थी लेकिन इस बार ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर पेंच फंसा हुआ है. वहीं, ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग आमने सामने हैं. बिहार के पंचायत चुनाव को लेकर पहली बार ईवीएम के इस्तेमाल का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया और इस पर सहमति जताते हुए ईवीएम खरीदने के लिए राज्य सरकार ने राशि का आवंटन भी कर दिया लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसके लिए सहमति नहीं दी.
दरअसल, जिस ईवीएम का इस्तेमाल पंचायत चुनाव में होना है वह बिहार में उपलब्ध नहीं है. पंचायत चुनाव में एक साथ एक ही मतदाता छह पदों के लिए मतदान करते हैं इसके लिए मल्टी पोस्ट ईवीएम की जरुरत है. राज्य सरकार ने इसके खरीददारी को लेकर राशि उपलब्ध करा दी है. इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि ECIL इसके आपूर्ति को लेकर भी तैयार है लेकिन चुनाव आयोग भारत सरकार ने इसके लिए अनुमति नहीं दी. जिसके बाद अनुमति नहीं मिलने पर राज्य चुनाव आयोग ने पटना हाई कोर्ट में मामला दायर कर दिया.
जानकारी के अनुसार, High Court इस मामले को लेकर छह अप्रैल को सुनवाई करेगी लेकिन इससे पहले दोनों पक्षों को बैठकर आपसी सहमति से मामला निपटने का निर्देश दिया है. जिसके आलोक में दो बैठक हो चुकी है लेकिन बात नहीं बनी, छह तारीख के पहले राज्य निर्वाचन आयोग और ECIL के बिच बैठक संभावित है, EC तकनिकी पहलुओं का हवाला देते हुए इसके लिए सहमति नहीं दे रही है. जबकि राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि, 18 राज्यों में इसके जरिए पहले ही चुनाव कराया जा चूका है, इस मुद्दे पर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के अधिवक्ता कोर्ट के बाहर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. छह अप्रैल को यदि कोर्ट द्वारा मामला साफ होता भी है तो ऐसी स्थिति में भी पंचायत चुनाव समय पर करना संभव नहीं है. क्योंकि ईवीएम के खरीद से लेकर चुनाव करने तक वैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमे समय लगेगा.