पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर में आज 1 अप्रैल को नंदीग्राम में वोटिंग हो रही है । इसके लिए ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन ममता बनर्जी ने एक रोड शो किया। उन्होंने व्हील चेयर पर बैठकर पदयात्रा का नेतृत्व किया। ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव में केंद्रीय बलों का दुरुपयोग कर रही है और तृणमूल समर्थकों को धमकाया जा रहा है। इस दिलचस्प मुकाबले की तस्वीर तो गुरुवार को साफ होगी जब लोग वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ के बाहर जमा होंगे।
ममता बनर्जी की छवि एक तुनकमिजाज और गतिशील राजनेता की है। चुनाव के वक्त वो कभी भी एक जगह पर ज्यादा समय नहीं बितातीं लेकिन पिछले तीन दिनों से ममता नंदीग्राम में घिरी हुई हैं। ममता ने कहा है कि वह वोटिंग वाले दिन खुद नंदीग्राम में मौजूद रहेंगी ताकि देख सकें कि कहीं शुभेंदु अधिकारी उनके सियासी पासे को पलट न दें। शुभेंदु अधिकारी एक समय ममता के बेहद करीबी थे और अब घोर विरोधी हो गए हैं। वे इस चुनाव में नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को बेहद आश्वस्त दिखे। नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी के साथ रोड शो के बाद अमित शाह ने कहा कि ममता इस बार बड़े अंतर से चुनाव हारेंगी और उनकी हार के साथ ही बंगाल में तृणमूल शासन का पतन निश्चित है। अमित शाह जब नंदीग्राम के हेलीपैड पर पहुंचे तो उन्होंने शुभेंदु अधिकारी को गले लगा लिया और आशीर्वाद दिया।
ममता बनर्जी ने प्रचार के दौरान शुभेंदु अधिकारी को गद्दार कहा। उन्होंने लोगों को बताया कि कैसे उन्होंने शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार पर आंख मूंद कर भरोसा किया, उसे मंत्री बनाया लेकिन वह गद्दार निकला। मंगलवार को नंदीग्राम में मंगलवार को अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी बीजेपी के पक्ष में प्रचार किया। मिथुन चक्रवर्ती पहले ही खुद को ‘कोबरा’ कह चुके हैं। उन्होंने ममता की पार्टी को इस बार हराने का संकल्प लिया है।
नंदीग्राम में मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी के समर्थकों ने ममता की कारों के काफिले के सामने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इससे ममता चिढ़ गईं और उन्होंने वहां मौजूद मीडिया वालों से कहा- ‘पुलिस कहां है? चुनाव आयोग कहां है? गांववालों को कोई सुरक्षा नहीं मिल रही है और आप देख रहे हो। ये कैसा व्यवहार कर रहे हैं? शाम के 6 बज चुके हैं, चुनाव प्रचार का वक्त खत्म हो चुका है और ये लोग यहां पर राजनीतिक नाटकबाजी कर रहे हैं। उन्होंने इन्हें ये सब करने की इजाजत क्यों दी? जबकि कैंपेन का वक्त खत्म हो चुका है। मैं अपने घर जा रही हूं, क्या मैं अपने घर भी नहीं जा सकती? ये लोग कैसे अपमानित कर रहे हैं, गालीगलौच कर रहे हैं? ये सब बाहर के लोग हैं। ये सब गुंडे हैं, यूपी-बिहार से आए हैं और ये सब बदमाश हैं। वो (बीजेपी वाले) डरे हुए हैं और वो मैच हार चुके हैं। उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को कंट्रोल करना चाहिए।’
नंदीग्राम जैसे तृणमूल के गढ़ में ममता बनर्जी के खिलाफ इस तरह का प्रदर्शन कल्पना से परे है। नंदीग्राम वह जगह है जहां से ममता ने 10 साल पहले वामपंथियों के खिलाफ अपने विजय अभियान की शुरुआत की थी।
जाहिर है, पश्चिम बंगाल में हालात बदल रहे हैं। तीन-चार महीने पहले जब ममता बनर्जी का काफिला सड़क से गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगा दिया था। उस समय ममता गाड़ियों को रुकवा कर उतरीं और नारे लगाने वालों को जेल भेजने की धमकी दी। बीजेपी ने उसे इतना बड़ा मुद्दा बना दिया कि अब लोग ममता बनर्जी के सामने ‘जय श्री राम’ के नारे खुल कर लगा रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में हार-जीत का फासला काफी बड़ा रहा है। 2011 में यहां जीत-हार का अंतर 26 प्रतिशत था। 2016 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने इस सीट पर CPI के अब्दुल कबीर शेख को 81 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। उस समय शुभेंदु अधिकारी को यहां 1 लाख 34 हजार 623 वोट मिले थे। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग हैं। शुभेंदु अधिकारी टीएमसी छोड़कर बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला टीएमसी की सर्वेसर्वा ममता बनर्जी से है। ममता बनर्जी अपनी सभाओं में लोगों से बार-बार कह रही हैं कि वे बीजेपी को हराएं। मंगलवार को ममता बनर्जी ने अपनी एक रैली में लोगों से कहा कि एक अप्रैल को बीजेपी को अप्रैल फूल बना दो। उन्होंने कहा, ‘1 अप्रैल को हम वैसे भी अप्रैल फूल, बेवकूफ बनाते हैं। सब वोट तृणमूल को देकर बीजेपी को अच्छे से बेवकूफ बनाइए। ईवीएम में हमारा चिन्ह दूसरे नंबर पर होगा। आने वाले दिनों में नंदीग्राम से ही बंगाल की सरकार बनेगी।’
नंदीग्राम में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं, उससे माहौल तो बदला है। नंदीग्राम सीट का इंचार्ज केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नंदीग्राम में 2 रैलियां कर चुके हैं। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ की चुनाव सभाएं हो चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह के दो दौरे हो चुके हैं। अमित शाह ने यहां 3 रोड शो किए और एक जनसभा को संबोधित भी किया। रोड शो में शामिल भीड़ से उत्साहित अमित शाह ने दावा किया कि ‘2 मई, दीदी गई।’ गृह मंत्री ने नंदीग्राम में सोमवार को हुए गैंगरेप की घटना का जिक्र किया, जिसमें 4 लोगों ने एक बीजेपी समर्थक की पत्नी के साथ दुष्कर्म के बाद उसे तालाब में फेंक दिया था।
ममता बनर्जी ने अपने प्रतिद्वंदी शुभेंदु पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि शुभेंदु चुनाव प्रचार के दौरान 30 से 40 वाहनों के साथ घूम रहे थे जबकि चुनाव आयोग की आचार संहिता में साफ कहा गया है कि कोई भी उम्मीदवार 5 गाड़ियों से ज्यादा के काफिले में प्रचार नहीं कर सकता। ममता ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि वह बिहार और यूपी के गुंडों को नंदीग्राम में क्यों आने दे रहा है? ममता ने यह भी आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह के काफिले में करीब 100 गाड़ियां थीं। ममता ने कहा, ‘हालात ये हैं कि आम लोगों के आने-जाने पर रोकटोक है, लेकिन बीजेपी के नेता गाड़ियों में घूम रहे हैं। मैं लोगों से अपील करती हूं कि 1 अप्रैल को वोट देकर बीजेपी को सबक सिखाएं। बीजेपी को नंदीग्राम से, बंगाल से, बोल्ड आउट कर दीजिए, ग्राउंड से एकदम बाहर कर दीजिए।’
उधर, अमित शाह ने ममता बनर्जी की इस टिप्पणी को बंगाल में ‘आशोल पोरिबोर्तन’ (असली परिवर्तन) की हवा बताया। उन्होंने मीडिया से कहा कि जिस तरह से लोगों का समर्थन मिल रहा है उसके बाद उन्हें पूरा यकीन है कि बंगाल में बदलाव होने जा रहा है। अमित शाह ने कहा-‘ पूरे बंगाल में परिवर्तन करने का सबसे सरल रास्ता है कि नंदीग्राम से ममता को हराया जाए।’
ममता अनुभवी नेता हैं। वह जानती है कि बंगाल में सिर्फ अपील से काम नहीं चलता, इसलिए वह अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रही हैं। बीजेपी और शुभेंदु के समर्थकों से बिल्कुल ना डरने की बात कह रही हैं और अगले ही वाक्य में विरोधियों को डराने की बात भी कह रही हैं। ममता ने अपने समर्थकों से कहा, ‘ये बीजेपी के लोग बाहरी हैं और चुनाव के बाद चले जाएंगे। सेंट्रल फोर्सेज भी चली जाएंगी। बंगाल में तो हम ही रहेंगे। बंगाल की पुलिस ही रहेगी। इसलिए चिंता मत करो।’
ममता के इस कथन का मतलब क्या है इसे नंदीग्राम के लोग खूब समझ रहे हैं। इसके बाद ममता कहती हैं कि अभी तो चुनाव हैं इसलिए ‘दिमाग को रखना है ठंडा-ठंडा कूल-कूल, लेकिन चुनाव के बाद पंडा (छोटे नेताओं) का क्या करना है, ये बंगाल को पता है।’
यहां ‘पंडा’ का मतलब है शुभेंदु अधिकारी और उनका परिवार। ममता कह रही हैं कि चुनाव के बाद अधिकारी का क्या करना है ये बंगाल को पता है। नंदीग्राम में मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख 20 हजार है। इनमें से करीब 62 हजार मतदाता मुस्लिम हैं। ममता बनर्जी को लगता है कि मुस्लिम मतदाता एकमुश्त उनके पाले में आएंगे लेकिन जीत के लिए हिंदुओं के वोट भी चाहिए। यही वजह है कि ममता अब हर सभा में मंत्रों का पाठ भी करती हैं और कलमा भी सुनाती हैं।
अब आप सोच रहे होगे कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में इतनी ताकत क्यों लगा रही है? इसका जबाव साफ है, इस बार बंगाल में बीजेपी को एक सुनहरा अवसर दिखाई दे रहा है। यह ऐसा राज्य है जहां आजादी के बाद शायद ही कभी जनसंघ या बीजेपी का जनाधार रहा। करीब तीन-चार साल पहले बीजेपी को लगा कि बंगाल की जनता तोलाबाजी और कटमनी से परेशान है। जनता तृणमूल कांग्रेस के लोकल नेताओं से नाराज है। उनकी बड़ी गाड़ियां और बड़े मकान देखकर हैरान है। बंगाल की जनता ऐसे नेताओं से पीछा छुड़ाना चाहती है और उन्हें सबक सिखाने के लिए विकल्प ढूंढ़ रही है। जब बीजेपी को लगा कि विकल्प न सीपीएम हो सकती है न कांग्रेस, ऐसे में बीजेपी का चांस है। इसके बाद जिस विधानसभा चुनाव में बीजेपी पिछली बार 3 सीटें जीती थीं, उस पूरे चुनाव को जीतने की तैयारी शुरू हो गई। हालांकि बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों को सत्तारूढ़ दल की तरफ से धमकियों और हमलों का सामना करना पड़ा। पंचायत चुनावों के दौरान बीजेपी के कई उम्मीदवारों को पड़ोसी राज्य झारखंड में शरण लेनी पड़ी।
पिछले लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी को 18 सीटें मिलीं तो हौसला और बढ़ गया। पिछले 10 साल से ममता एक बात को लेकर हमेशा आश्वस्त थी कि बंगाल के 30 प्रतिशत मुसलमान वोटर पूरी तरह उनके साथ है। लेकिन यहां ममता ने पहली बार तब गलती की जब ‘जय श्रीराम’ के नारे लगे तो अपनी नाराजगी दिखाई। बीजेपी ने ममता बनर्जी को मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर किनारे कर दिया लेकिन ममता बनर्जी ने इसको ‘चंडी पाठ’ और ‘जय सिया राम’ से काउंटर भी किया। ममता अपनी सभाओं में चंडीपाठ के साथ साथ कलमा भी पढ़ रही है।
इस समय सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अमित शाह और उनकी टीम बंगाल के मतदाताओं को इस बात के लिए आश्वस्त कर पाएगी कि वो निडर होकर वोट दें? इसीलिए अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि ममता बनर्जी बुरी तरह हारेंगी और बीजेपी 200 से ज्यादा सीटेंगी जीतेगी। ये अमित शाह का दावा है। ममता बनर्जी भी लोगों को ये कहकर डरा रही हैं कि वही वापस आएंगी और ‘गद्दारों’ को सबक सिखाएंगी।
कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल का चुनाव अब इस पर आकर अटक गया है कि कौन किसको कितना डरा सकता है और कौन किससे कितना डरता है?