विधानसभा में बुधवार को बिहार विनियोग विधेयक २०२१–२२ पर वाद–विवाद के बाद सरकार ने नेता प्रतिपक्ष के आरोप का जवाब दिया। उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन को बताया कि अध्यक्ष २५ फरवरी को बजट २०२१–२२ पर अपना पक्ष रखते हुए नेता विरोधी दल ने बजट पर कई प्रश्न उठाये थे। इनमें से कई प्रश्नों का उत्तर सरकार की तरफ से मेरे द्वारा दिया गया था लेकिन प्रश्नों की सूची लंबी थी इसलिए कई प्रश्न अनुत्तरित रह गये थे। मैं आज उन प्रश्नों पर भी सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा जीएसडीपी का बढना बताया जा रहा है लेकिन राजस्व प्राप्ति में उस अनुपात में वृद्धि के स्थान पर २ प्रतिशत की कमी ही आयी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जो आंकडा प्रस्तुत कर रहा हूं। उसके अनुसार तो नेता प्रतिपक्ष का कथन प्रमाणित नहीं होता है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार द्वारा लिये गये लोक ऋण की राशि पर भी एनडीए सरकार की तुलना अपनी सरकार से की है। एक सामान्य आदमी अपने परिवार की उन्नति के लिए ऋण लेकर विकास का काम करता है ताकि आगे चल कर उसका परिवार सुखी हो जाता है तथा ऋण भी चुकता कर देता है। इसमें कोई बुराई नहीं है। ऋण लेना बुरा तब होता है जब हम क्षमता से अधिक लेते हैं तथा लिये गये ऋण का अपव्यय गैर विकासात्मक कार्यों में करते हैं। नेता प्रतिपक्ष द्वारा बताया गया है कि सरकार ने कितना ऋण लिया है‚ ये बताते नहीं हैं। राज्य में पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने को सरकार कृतसंकल्पित है। राज्य में विभिन्न पर्यटक स्थलों का विकास किया जा रहा है। ॥ इसी का परिणाम है कि कोरोना संकट के बावजूद इस वर्ष देसी पर्यटकों की संख्या ५५ लाख तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या तीन लाख से अधिक रही है। इस वित्तीय वर्ष में भारत सरकार के सहयोग से राज्य में प्रधानमंत्री स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत जैन परिपथ‚ कांवरिया परिपथ‚ मंदार हील परिपथ‚ गांधी परिपथ‚ रामायण परिपथ‚ बौद्ध परिपथ‚ सूफी परिपथ आदि का विकास किया जा रहा है। इस वर्ष पर्यटन विकास के लिए अन्य विभागों के अलावे केवल पर्यटन विभाग के योजना मद में २५१ करोड रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।