राज्य के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकेतरकर्मी दो दिनों के सामूहिक अवकाश पर चले गए जिससे सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य ठप रहा। अवकाश पर रहते हुए हजारों शिक्षकेतरकर्मियों ने विधानमंड़ल के पास धरना दिया‚ जिसकी अध्यक्षता बिहार विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद झा ने की।
विधानसभा में मंगलवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भाई वीरेंद्र के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह विशेष मुद्ा है‚ जिसकी जांच सरकार कराएगी। भाई वीरेंद्र ने सदन में इस मुद्े को उठाया और कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान निजी विद्यालयों ने फीस वसूली है‚ जिससे अभिभावकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों ने जानबूझकर फीस की वसूली की है। उन्होंने सरकार से ऐसे निजी विद्यालयों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की। श्री चौधरी ने कहा कि सभी चाहते थे कि लॉकडाउन की अवधि में विद्यालय शुल्क न वसूले‚ लेकिन ऐसा कोई कानून नहीं है‚ जिसके जरिये वसूली गई राशि को वापस लिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अवधि में निजी विद्यालय प्रबंधन ने ऑनलाइन कक्षा संचालित करने का अग्राह किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने २०१९ में प्रदेश के निजी विद्यालयों की फीस में अप्रत्याशित वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कानून लागू किया था।
वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस नही वसूला जाये, इसे लेकर सरकार ने 2019 में कानून भी बनाया है.जिसके बाद मनामने ढ़ंग से फीस वसूली पर लगाम भी लगा है. लेकिन यह मामला कोरोनाकाल के विशेष दौर से जुड़ा है इसलिए सरकार इस मामले को देखेगी.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यालयों को भेजी गयी कंपोजिट मद की राशि की जानकारी स्थानीय विधायकों को भी दी जायेगी. विद्यालय प्रबंध समिति और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया जायेगा. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मंगलवार को विधानसभा में राजकुमार सिंह व अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे.