बिहार में राजनीतिक सरगर्मी की फिर चर्चा है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी 9 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का जनता दल (यूनाइटेड़) जद यू में विलय कर दिया। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को अपेक्षित सीटें नहीं मिली। यह कहा गया कि अतिपिछड़ी जाति का आधार रखने वाली जद यू को कुर्मी जाति का वोट तो मिला मगर कोयरी जाति के वोट से वह वंचित रह गई। शायद इस समीकरण को साधने की रणनीति के तहत नीतीश अब पुराने साथियों को जोड़़ रहे हैं। कह सकते हैं कि नीतीश कुमार जदयू का फिर से मजबूत संगठन और जनाधार तैयार करने की कोशिश में लगे हैं। वहीं‚ उपेंद्र कुशवाहा को भी राजनीति में अपनी जमीन की फिर से तलाश है। इस तरह साथ आना दोनों की आवश्यकता है। बिहार में कुर्मी समाज की आबादी 4 फीसद के करीब है। कुशवाहा बिरादरी का 4.5 फीसद वोट है। बिहार में पिछड़़ी जातियों में यादव के बाद कुशवाहा बिरादरी की ही हिस्सेदारी है। ऐसे में दोनों मिल जाते हैं तो नीतीश और खासकर जद यू को इसका फायदा मिलेगा। जदूय अतिपिछड़ा जाति को अपना आधार वोट मानता है। साथ ही लव–कुश समीकरण (कुर्मी–कोयरी) उसकी नींव है। इससे पहले नवम्बर 2009 में उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी राष्ट्रीय समता पार्टी का विलय जद यू में किया था। उन्होंने इस पार्टी का गठन 2009 के जनवरी में ही किया था। इसके बाद कुछ वर्ष तक तो सबकुछ ठीक–ठाक चला मगर 2013 में कुशवाहा पार्टी से अलग हो गए। इसके बाद उन्होंने नई पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया। इस बार की खास बात है कि उपेंद्र को पार्टी में शामिल कराते ही नीतीश ने उन्हें बड़़ी जिम्मेदारी देते हुए संसदीय बोर्ड़ का अध्यक्ष बना दिया। फिलहाल संसदीय बोर्ड़ के अध्यक्ष की जिम्मेदारी पार्टी के हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए आर.सी.पी. सिंह के पास थी। नीतीश पार्टी के सांगठनिक ढांचे में असंतुलन नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने खास तौर पर कुशवाहा को संसदीय बोर्ड़ की जिम्मेदारी दी है। कुशवाहा और सिंह के बीच कार्य को लेकर विवाद न हो‚ इस नाते नीतीश ने कुशवाहा के राजनीतिक कौशल के आधार पर उन्हें यह पद सौंपा है। इससे यह भी साफ हो गया कि वह आर.सी.पी सिंह के बजाय सीधे नीतीश को रिपोर्ट करेंगे। दरअसल‚ नीतीश कुमार की नजर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर है। इसी के मद्देनजर नीतीश कुशवाहा को आगे कर बड़़ा दांव खेलने की जुगत में हैं।
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