विधानमंडल के बजट सत्र का 15वां दिन हंगामेदार रहा। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय के प्लॉट से शराब बरामदगी मामले से संबंधित पुख्ता सबूत पेश करने की अनुमति देने की मांग को लेकर शनिवार को सदन में जोरदार हंगामा हुआ। कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक–दूसरे से भिड गये। भाजपा विधायक संजय सरावगी‚ भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. संजीव और उप सचेतक जनक सिंह के साथ राजद के विधायक रामवृक्ष सदा ने हाथापाई की। इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों ने वेल के पास पहुंच गये और वहां रखी कुर्सियों को पलट दिया। उसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर निकलकर राजभवन की ओर निकल पड़े़‚ लेकिन रास्ते में उन्हें अधिकारियों ने रोक लिया। इसके बाद वे वहीं धरना पर बैठ गये। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराब बरामदगी मामले में सरकार पर मंत्री रामसूरत राय को बचाने का आरोप लगाया। विधानसभा में शनिवार को शून्यकाल के दौरान विपक्षी दल के सदस्यों की अनुपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने राजद के अस्वीकृत कार्यस्थगन प्रस्ताव को कम से कम एक बार पढने की अनुमति मांगी।
इस पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यदि प्रतिपक्ष के नेता को कार्यस्थगन प्रस्ताव नोटिस पढने की अनुमति दी गई‚ तो इससे गलत परिपाटी शुरू होगी। सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राजद की रेखा देवी को कार्यस्थगन प्रस्ताव नोटिस पढने की अनुमति दी और स्पष्ट किया कि सदन की कार्यवाही स्थापित नियमावली के तहत संचालित होती है। रेखा देवी ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है‚ लेकिन सरकार के संरक्षण में इसकी घर–घर डिलिवरी हो रही है। इस मामले में मंत्री रामसूरत राय की संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद जनता में भारी आक्रोश है। उन्होंने राज्य में शराब की अवैध बिक्री की जांच कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने शराब बरामदगी मामले में मंत्री रामसूरत राय के खिलाफ मौजूद प्रमाण के सिलसिले में आसन का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की। उन्होंने श्री राय के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की। इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि सदन में यह मुद्ा पहले उठाया जा चुका है और सोमवार को सभी राजनीतिक दलों की होने वाली बैठक में इस मुद्े पर चर्चा की जाएगी। हालांकि तेजस्वी ने मंत्री रामसूरत राय के खिलाफ मौजूद सबूत हो सदन में पेश करने की अनुमति दिये जाने की मांग की। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन की कार्यसूची में यह मुद्ा सूचीबद्ध नहीं है। जब तेजस्वी ने मंत्री श्री राय के पिता के नाम का उल्लेख किया‚ तब उपमुख्यमंत्री ने पुनः आपत्ति जताते हुए सभाध्यक्ष से इस पर नियमन देने का आग्रह किया और कहा कि इससे गलत परिपाटी शुरू होगी। उन्होंने कहा कि आसन तेजस्वी को सदन में किसी अन्य व्यक्ति का नाम लेने से मना करे। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि आसन एक बार फिर किसी और से निर्देशित हो रहा है‚ इसलिए मुझे मंत्री के खिलाफ सबूत सदन में पेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके बाद प्रतिपक्ष के नेता और उप मुख्यमंत्री के बीच नोंक–झोंक शुरू हो गई। इस बीच‚ विपक्षी दल के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये। सभाध्यक्ष ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए विपक्षी सदस्यों से अपनी–अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। उधर‚ राजद विधायक व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फिर आरोप लगाया कि मंत्री रामसूरत राय के मुजफ्फरपुर के बोचहा हाई स्कूल परिसर से शराब बरामदगी मामले में राज्य सरकार उन्हें बचा रही है। तेजस्वी ने संवाददाता सम्मेलन में स्कूल के बिजली बिल से लेकर अन्य प्रमाण–पत्र दिखाते हुए कहा कि मंत्री श्री राय गलत बयानबाजी कर रहे हैं। जिस स्कूल परिसर में शराब बरामद की गयी‚ वह मंत्री के पिता के नाम पर है और उन्हीं के द्वारा चलाया जा रहा है। उधर‚ सदन से बाहर आने के बाद अलौली से राजद विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा कि तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। मना करने पर इनलोगों ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया। तीनों विधायकों ने जातिसूचक शब्द से संबोधित किया। उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव से आदेश लेने के बाद हम एससी एक्ट के तहत केस दर्ज कराएंगे। वहीं‚ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को चलने ही नहीं देना चाहता था। उन्होंने कहा कि वे शुरुआत से ही मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। उनका कहना है कि जब सदन में हंगामा ज्यादा होने लगा तो तेजस्वी और तेजप्रताप सदन से बाहर चले गये। विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदन में हुई घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि मारपीट की घटना से मैं दुखी हूं। सदन में विमर्श किया जाता है। यहां सभी को बोलने का अधिकार है। वेल में आना और एक दूसरे पर अनर्गल आरोप लगाना उचित नहीं है। जिस दल के विधायक ने ऐसा व्यवहार दिखाया है‚ उस दल के नेता उनको सदन के व्यवहार को बताएं।