विष्णुपुरा के समीप स्थित स्टूड़ेंट ऑक्सीजन मूवमेंट एवं ऑक्सीजन गौशाला की वर्षगांठ पर आधुनिक युग में बेहतर शिक्षा व्यवस्था‚ देसी गाय को बचाने की मुहिम पर एक परिचर्चा का आयोजन किया जिसका उद्घाटन सूबे के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि गौ–वंश के प्रति हमारी आस्था और श्रद्धा है। प्राचीनकाल में गाय और बैल ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार थे। वर्तमान में भी गौ–संरक्षण और संवर्धन के कार्य आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बन सकते हैं। आत्मनिर्भर बिहार बनाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। इस दिशा में गौ–माता अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी। गाय का दूध अमृत है। आज के समय में शुद्ध दूध मिलना मुश्किल हो गया है। आने वाले दिनों में गौ संरक्षण और संवर्धन को यह संस्था लोगों के लिए प्रेरणादायी होगी। बिहार गौशाला को सरकार अनुदान देती है‚ बिहार में और नयी गौशालाएं स्थापित हों सरकार से इस पर वार्ता करेंगे। दुर्लभ होतीं देसी नस्ल की गाय को बचाने के लिए जिस तरह से इस संस्था ने काम किया है वो तारीफ के काबिल है। संबंधित विभाग से आग्रह कर इस गौशाला को और समृद्ध किया जायेगा।

वहीं ऑक्सीजन गौशाला पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए स्टूड़ेंट ऑक्सीजन मूवमेंट एवं ऑक्सीजन गौशाला के कन्वेनर विनोद सिंह ने कहा कि आज देशी गाय का दूध ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। यह स्थिति तब है जब यह गुणों की खान है। देशी गाय का दूध अमृत समान है। देशी नस्ल की गायों के दूध में ए–२ जीनोटाइप बीटा केसीन पाया जाता है। यह ड़ायबिटीज और ह्रदय रोग समेत कई रोगों को रोकने में कारगर है। वहीं संस्था के सदस्य विजेता चौबे ने कहा कि गाय के गोबर में लIमी का वास होता है। गाय के गोबर में हैजे के कीटाणुओं को खत्म करने की ताकत है‚ क्षय रोगियों को गाय के बाड़े में रखने से गोबर–गौ मूत्र की गंध से क्षय रोग के कीटाणु मर जाते हैं।