गोपालगंज जिले की एक अदालत ने चर्चित खजूरबानी शराबकांड़ के 13 दोषियों में से नौ को फांसी की सजा सुनायी है। इनके अलावा दोषी करार दी गयीं चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। चारों महिलाओं पर दस–दस लाख रुपये का आर्थिक दंड़ भी लगाया गया है। अर्थदंड़ की राशि नहीं जमा करने पर इनकी सजा की अवधि बढ़ जाएगी।
एड़ीजे–२ लवकुश कुमार ने शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया। सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इस मामले में कोर्ट ने २६ फरवरी को १३ लोगों को दोषी करार दिया था। इस बीच‚ बचाव पक्ष के अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कुल १३ अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे थे। इस फैसले के खिलाफ अभियुक्त उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। विदित हो कि १६ अगस्त २०१६ को जिला मुख्यालय स्थित खजूरबानी मुहल्ले में जहरीली शराब पीने से १९ लोगों की मौत हो गई तथा दो अन्य लोगों के आंख की रोशनी चली गई थी। इस घटना के बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने १६ अगस्त की रात में खजूरबानी मोहल्ले में छापेमारी का अभियान चलाया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद की थी। इस घटना को लेकर नगर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर नगर थाने में कांड़ संख्या ३४७/२०१६ के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई‚ जिसमें १४ लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया था। इस मामले में पुलिस की ओर से आरोप–पत्र दाखिल किये जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई‚ लेकिन ट्रायल के दौरान ही एक आरोपित ग्रहण पासी की मौत हो गयी। उत्पाद विभाग के विशेष लोक अभियोजक रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि लवकुश कुमार की अदालत ने खजूरबानी कांड़ में नौ अभियुक्तों को फांसी व ४ महिलाओं को उम्रकैद की सजा हुई है। फांसी की सजा पाने वालों में छठू पासी‚ कन्हैया पासी‚ नगीना पासी‚ लालबाबू पासी‚ राजेश पासी‚ सनोज पासी‚ संजय चौधरी‚ रंजय चौधरी और मुन्ना चौधरी हैं। इनके अलावा चार महिला दोषियों– लालझरी देवी‚ कैलाशो देवी‚ इंदु देवी एवं रीता देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। आरोप है कि इन लोगों ने जहरीली शराब बनाकर बेची थी‚ जिसेे पीकर १९ लोगों की मौत हो गयी थी। इन लोगों के घरों से जहरीली शराब बरामद हुई थी। जब शराब की जांच की गयी‚ तो उसमें मिथाइल अल्कोहल पाया गया था। विदित हो कि पुलिस पर जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा था। घटना के बाद थाने के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड़ कर दिया गया था। १२ जून २०२० को तत्कालीन ड़ीजीपी ने २१ पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। इस साल १४ जनवरी को हाईकोर्ट ने इनमें से एक सब इंस्पेक्टर समेत ५ पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी का आदेश निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश से बाकी १६ पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी का आदेश भी निरस्त हो गया था।
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