भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों की योग्यता और नियुक्ति पर सवाल उठाने से पहले बतायें कि देश की शिक्षा व्यवस्था में कम्युनिस्टों‚ जेहादियों और सनातन धर्म से दुराग्रह रखने वाले लोगों को ही क्यों भरा गया ॽ क्या यह सच नहीं कि यूपीए के शासनकाल तक जेएनयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों‚ प्रसार भारती और राज्यसभा–लोकसभा टीवी जैसे सरकारी प्रसार माध्यम और बड मीडिया घरानों तक के शीर्ष पदों पर भाजपा–विरोधी विचारधारा के लोग ही नियुक्त होते रहे। श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी को आपातकाल लगाने का ही नहींं‚ संस्थाओं के राजनीतिकरण का अपराध भी स्वीकार करना चाहिए। इंदिरा गांधी ने १९७५ में इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रतिकूल फैसले के बाद अपनी सत्ता बचाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित सारे संवैधानिक अधिकार छीन कर लाखों सामाजिक–राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं को जेल में डाल दिया था। लोकतंत्र के साथ इतने बडÃे अपराध को दबी जुबान से केवल गलती मानने में कांग्रेस को ४६ साल लग गए। राहुल गांधी १५ साल से सांसद हैं और पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं‚ लेकिन उन्होंने आपातकाल थोपने का अपने दल का गुनाह कुबूल करने में इतनी देर क्यों की। राहुल गांधी बतायें कि आजादी के बाद कांग्रेस के ६० साल के एकछत्र शासन के दौरान लगभग २०० सरकारी भवनों‚ संस्थाओं‚ सार्वजनिक स्थलों के नाम केवल नेहरू–गांधी परिवार के व्यक्तियों से क्यों जोडÃे गए। श्री मोदी ने कहा कि वे बतायें कि देा के पहले पांच शिक्षा मंत्री केवल एक ही समुदाय से क्यों बनाये गए। भारत का विगत इतिहास पढाये जाने और भगवान राम का अस्तित्व नकारने के लिए क्या कांग्रेस माफी मांगेगी।
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बिहार में पुलिसकर्मी की हत्या और लगातार हो रहे हमलों पर राज्य सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...