भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया। बता दें कि शनिवार सुबह 8.54 बजे से इसके लॉन्च होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी। भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-सी51 को रविवार सुबह 10.24 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी) से एक लॉन्च पैड के सहारे रवाना किया गया। इस रॉकेट में 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 सहित 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं। इनमें से 13 अमेरिका से हैं। इस लॉन्च की खास बात यह है कि इसके साथ भगवदगीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई है।
#PSLVC51 lifts off successfully from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota#ISRO #NSIL #INSPACe #Amazonia1 pic.twitter.com/38WNf5ciIo
— ISRO (@isro) February 28, 2021
प्रक्षेपण के करीब 18 मिनट बाद प्राथमिक उपग्रह अमेजोनिया-1 के कक्षा में स्थापित किए जाने की संभावना है, जबकि अन्य 18 उपग्रह अगले दो घंटों में कक्षाओं में भेजे जाएंगे. इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है. इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है.
इससे पहले, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बयान में बताया था कि पीएसएलवी-सी51 पीएसएलवी का 53वां मिशन है.
पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) सी51/अमेजोनिया-1 इसरो की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है.
अमेजोनिया-1 के बारे में बयान में बताया गया है कि यह उपग्रह अमेज़न क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा तथा मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा.
Breaking: PSLV-C51 launched, with Amazonia-1 and 18 Co-passenger satellites onboard. pic.twitter.com/57b7oAmLnM
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) February 28, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी आसमान की ऊंचाइयों में पृथ्वी का चक्कर काटेगी। स्पेस किड्ज इंडिया ने अपने सतीश धवन सैटेलाइट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी है। स्पेस किड्ज इंडिय की वेबसाइट के मुताबिक, यह कदम पीएम की आत्मनिर्भर पहल और निजी कंपनियों के अंतरिक्ष की राह खोलने वाले निर्णय से एकजुटता दिखाने के लिए उठाया जा रहा है। इस सैटेलाइट के जरिए स्पेस किड्ज इंडिया अंतरिक्ष में रेडिएशन पर रिसर्च करेगा।
साल 2021 में भारत का यह पहला अंतरिक्ष अभियान पीएसएलवी रॉकेट के लिए काफी लंबा होगा क्योंकि इसके उड़ान की समय सीमा 1 घंटा, 55 मिनट और 7 सेकेंड की होगी। अगर रविवार सुबह रॉकेट की लॉन्चिंग ठीकठाक से हो जाती है, तो भारत की तरफ से लॉन्च किए गए विदेश सैटेलाइट की कुल संख्या 342 हो जाएगी।
ईसरो ने कहा कि अमेजोनिया-1 उपग्रह की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान कर मौजूदा संरचना को और भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा। 18 अन्य सैटेलाइट्स में से चार इन-स्पेस से हैं। इनमें से तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जी. एच. रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।