बिहार विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी सदस्य समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. बिहार विधनसभा के बजट सत्र के दौरान सामजिक सुरक्षा पेंशन के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. उसी वक्त भाकपा (माले) सहित विरोधी दल ने आरोप लगाया कि इस योजना में गड़बड़ी हो रही है.
इस सवाल का जवाब देने जब समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने विपक्षी सदस्यों पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब ईमानदारी से लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है तो उन्हें नागवार गुजर रहा है. उन्होंने इसी बीच भाकपा माले के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे जानते हैं कि उनकी दुकान कहां से चल रही है, उनकी पोल खोल देंगे. इसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे.
सवाल का जवाब देने जब समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी उठे तो सदन में अचानक से मंत्री चोर है के नारे लगने लगे. राजद के भाई वीरेंद्र और ललित यादव ने नारा लगाया तो उनके पीछे सारे सदस्य वेल में खड़े हो गये.
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री ने इन बातों को गलत बताया लेकिन इसके साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि विरोधी पार्टी के लोग ऐसे कई योजनाओं में गड़बड़ी कर पैसा कमा लेते थे आज जब ईमानदारी से लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है तो उन्हें नागवार गुजर रहा है.
फिर क्या था इस मामले ने तूल पकड़ लिया और ज़बर्दस्त हंगामा हुआ. विरोधी पार्टी के लोग सदन के वेल में आ गए लेकिन तब तक विधानसभा अध्यक्ष ने सदन स्थगित कर दिया. इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया की विरोधियों ने साफ कर दिया कि जब तक सदन में मंत्री माफी नही मांगेंगे तब तक सदन की कार्रवाई नहीं चलने देंगे लेकिन मंत्री अपने बयान पर कायम रहे.
सच हमेशा कड़वा होता है- मदन सहनी
भाकपा माले के सदस्यों ने मंत्री पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे और मंत्री की बर्खास्तगी की मांग करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा कई बार सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. माले विधायकों के हंगामे और उनके समर्थन में आरजेडी, कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी सफाई देने उठ खड़े हुए.
इस दौरान मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि सरकार की मंशा की किसी दल की बात छोड़िए, किसी सदस्य को भी अपमानित करने की न रही है न रहेगी. इस मामले को लेकर भाकपा माले के सदस्यों ने कहा कि जब तक मंत्री माफी नहीं मांग लेते हैं, तब तक कार्यवाही नहीं चलने देंगे. इधर, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि सच हमेशा कड़वा होता है.