नीतीश सरकार के बजट के बाद जैसे ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए, उसी वक्त यह स्पष्ट हो गया था कि सत्ताधारी दल को यह रणनीति बनानी होगी कि वो सदन में बजट सत्र के दौरान विरोधियों के हमले का कैसे जवाब दे. इस सिलसिले में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास एक अणे मार्ग में एनडीए विधानमंडल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. बैठक में मुख्यमंत्री होस्ट बने और एनडीए के तमाम विधायक और मंत्री यहां पहुंचे.
शाम छह बजे शुरू हुई यह बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली. इस मीटिंग को सीएम नीतीश कुमार सहित कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने संबोधित किया और एक-एक कर के तमाम विधायकों, विशेष कर नए विधायक के साथ-साथ पहली बार बने मंत्रियों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया कि सदन में आक्रामक तरीके से हर मुद्दे पर मुखर रहना है. लेकिन उन्हें सबसे महत्वपूर्ण निर्देश यह मिला कि सदन की कार्रवाई जब तक चलेगी तब तक कोई भी माननीय सदन से बाहर नही जाएंगे.
पहली बार मंत्री बने नितिन नवीन ने बताया कि साफ निर्देश है सदन में रहकर हर सवाल का जोरदार जवाब देना है. लेकिन सदन से बाहर तब तक नहीं जाना है जब तक सदन की दिन की कार्यवाही खत्म ना हो जाए.
सदन में विरोधियों के हर सवाल का जोरदार तरीके से देंगे जवाब
बीजेपी के विधायक हरि भूषण बचौल ने कहा कि विरोधियों के हर सवाल का जवाब देने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं. नौंवी पास नेता प्रतिपक्ष का सवाल क्या होगा, यह हम जानते हैं. हर सवाल का पुरजोर तरीके से जवाब देंगे. वहीं जेडीयू के विधायक अमरेन्द्र पांडेय ने कहा कि बैठक में यह स्पष्ट निर्देश मिला कि सदन में रहकर विरोधियों के हर उठाए मुद्दे पर जवाब देना है. सदन में रहकर विरोधियों के हर मंसूबे को हम विफल करेंगे.
वहीं पहली बार विधायक बने बीजेपी के रामबिलास पासवान कहते हैं कि एनडीए के बड़े नेताओं ने साफ-साफ बता दिया है कि सदन में कैसे और क्या करना है. इस बार सदन में देखिएगा, विरोधी पार्टी चाहे जो भी मुद्दा उठाए, उन्हें वैसा ही जवाब मिलेगा.
दरअसल बजट के दिन तेजस्वी यादव सहित तमाम विपक्ष के कड़े तेवरों ने यह जता दिया है कि इस बार लंबे बजट सत्र में सत्ताधारी दल के लिए सदन चलाना आसान नहीं होगा. साथ ही कई बार सदन में वोटिंग की नौबत भी आ जाती है. सदन में सत्ताधारी दल और विरोधियों में संख्या का अंतर ज्यादा नहीं है, इसी आशंका को देखते हुए एनडीए के विधायकों को यह निर्देश मिला है.