मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष २०२१–२२ के बिहार बजट पर कहा कि बजट संतुलित और सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वर्ष २००५ से अब तक राज्य की अर्थव्यवस्था में विकास दर डबल डिजिट में रही है। यह बजट विकास दर को और गति देगा। वर्ष २०२१–२२ के कुल बजट व्यय का आकार २‚१८‚३०२७० करोड रुपये है जिसमें राज्य के विकास योजना मद में १‚००‚५१८८६ करोड रुपये एवं स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय मद में १‚१७‚७८३८४ करोड रुपये है। इस बजट में शिक्षा विभाग के लिए ३८‚०३५.९३ करोड रुपये प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने बिहार विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए बहुत अच्छे ढंग से संक्षेप में सारी बातें बताई हैं।
बजट के महत्वपूर्ण विषयों पर उन्होंने चर्चा भी की है। हमलोगों ने बजट में हर क्षेत्र का ख्याल रखा है। पिछली बार शुरू की गई सात निश्चय की योजना के अन्तर्गत जो काम बचे रह गए‚ जैसे कुछ जगहों पर सडकों एवं पक्की गली का निर्माण या हर घर नल का जल का काम पूर्ण नहीं हुआ है‚ उन सारे कार्यों को पूर्ण करने का भी बजट में उल्लेख किया गया है। हमलोगों की कोशिश होगी कि जितनी योजनाएं पहले से चल रही हैं‚ उन्हें एक वर्ष के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके अलावा जल–जीवन–हरियाली अभियान के अंतर्गत जो काम चल रहे हैं‚ उसे निरंतर आगे बढाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट–२ की परिकल्पना की गई है‚ उसे कैबिनेट ने पास किया है। विभिन्न विभागों ने इसके लिये जरूरी योजनायें बनायी हैं। इस बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है और नये वित्तीय वर्ष २०२१–२२ में सारा काम शुरू हो जायेगा। कृषि‚ सडक‚ स्वास्थ्य‚ शिक्षा पर और ज्यादा पैसा खर्च करने का निर्णय लिया गया है। पिछले ११–१२ माह से कोरोना का दौर चला है‚ जिसका प्रभाव पडा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में लोगों को राहत पहुंचाने के लिये केन्द्र से सहयोग तो मिला ही है‚ साथ ही राज्य सरकार ने भी बडे पैमाने पर राशि व्यय की है। इस पर १० हजार करोड रुपये से ज्यादा की राशि व्यय की गई है। उन्होंने कहा कि बजट में अगले साल के लिये एक–एक चीज का प्रावधान किया गया है ताकि बिहार की और प्रगति हो। हमलोग इस बात को लेकर वचनबद्ध हैं और उसका अनुपालन करना चाहते हैं‚ क्रियान्वित करना चाहते हैं‚ जिसका बजट में प्रावधान किया गया है। कोरोना काल में पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पडा है‚ इसके बावजूद हमलोग सभी काम को आगे बढाना चाहते हैं। सबके सहयोग से बिहार को आगे बढायेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट–२ के अंतर्गत सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में हर प्रकार से लोगों को रोजगार के लिये प्रेरित करेंगे। २० लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिले‚ इसके लिए हमलोग काम करेंगे। राज्य में मेडिकल मेडिकल और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनाने की सारी तैयारी चल रही है। साथ ही खेल के लिए राजगीर में खेल विश्वविद्यालय बनाया जायेगा। राजगीर में स्टेडियम के निर्माण कार्य के अलावा खिलाडियों को प्रेरित करने के लिये पहले से काम हो रहा है।
मोदी जहां भी जाते हैं, अपने साथ “अपशकुन” लेकर आते हैं: बिहार सरकार के मंत्री
बिहार के सरकार के एक मंत्री ने बुधवार को यह टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...