राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को नीतीश सरकार को परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर घेरने की कोशिश की है. तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में ऐसी कोई भी परीक्षा नहीं है, जिसका प्रश्न पत्र लीक नहीं होता है.
दरअसल, बिहार में मैट्रिक की परीक्षा चल रही है. शुक्रवार की सुबह सोशल साइंस का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने की बात सामने आ गई. इसके बाद राज्य भर के छात्रों ने अपने-अपने मोबाइल निकाल कर पेपर देखने लगे. हालांकि अब तक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रश्नपत्र वायरल होने की खबरों की पुष्टि नहीं की है.
तेजस्वी ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मैट्रिक का परीक्षा का प्रश्नपत्र वायरल हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को इसकी जानकारी नहीं है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि बिहार में ऐसी कौन सी परीक्षा है, जिसका प्रश्न पत्र लीक नहीं होता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की 16 वर्षो की NDA सरकार ने शिक्षा का मजाक बना दिया है, दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि राज्यपाल फागू चौहान ने अपने अभिभाषण में सरकार का झूठ पढ़ा है. विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार की कार्यवाही के बाद नेता प्रतिपक्ष अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव सहित पार्टी विधायकों के साथ मीडिया सेंटर पहुंचकर प्रेस को संबोधित कर रहे थे. सरकार को जनविरोधी बताते हुए उन्होंने मंशा जाहिर कर दी कि विपक्ष हमलावर रहेगा. सदन से सड़क तक सरकार को घेरा जायेगा.
तेजस्वी ने कहा कि राज्यपाल ने सेंट्रल हाल में जो भी पढ़ा वह सरकारी झूठ के अलावा कुछ नहीं था. राज्यपाल ने कहा कि धान की खरीद हो रही है, लेकिन सच यह है कि किसानों ने सात सौ रुपये प्रति क्विंटल तक में धान बेचा है. लाखों किसान एमएसपी पर धान बेच ही नहीं पाये हैं. किसान आंदोलन में 207 से अधिक किसान शहीद हुए हैं. विपक्ष की मांग के बाद भी सरकार ने उनकी शहादत के लिए दो मिनट का मौन रखने तक का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया.
मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले को उठाते हुए कहा कि आज 10वीं का सोशल साइंस का पेपर लीक हो जाता है. नेता प्रतिपक्ष को इसकी जानकारी है, लेकिन शिक्षा मंत्री और सीएम को यह सूचना नहीं थी. यदि पेपर लीक की जानकारी थी] तो फिर सदन से ये बात छिपायी क्यों जा रही थी. इसकी जांच होनी चाहिए. यह कैसी सरकार चला रहे हैं. ऐसी कोई परीक्षा नहीं है जिसमें पेपर लीक नहीं हो रहा. सरकार दोषियों को तरक्की दे रही है.