बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा 17 फरवरी से शुरू हो चुकी है. इसी शेड्यूल में 19 फरवरी को मैट्रिक परीक्षा के सामाजिक विज्ञान का पेपर था. लेकिन बोर्ड ने सामाजिक विज्ञान विषय की प्रथम पाली की परीक्षा को रद्द कर दिया.
ऐसे वायरल हुआ पेपर
मैट्रिक प्रश्नपत्र लीक मामले का खुलासा BSEB की ओर से किया गया. बोर्ड के मुताबिक, प्रश्न पत्र क्रमांक 111-0470581 किसी व्यक्ति के व्हाट्सऐप से वायरल हुआ था. बीएसईबी की जांच में सामने आया कि जमुई जिले में प्रश्न पत्र भेजा गया था. फिर इसकी पड़ताल जमुई के डीएम और एसपी ने की. जांच में पता चला कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया झाझा ब्रांच से प्रश्न पत्र निकाला गया था. फोटो खींचकर इसे वायरल कर दिया गया था. जांच में एसबीआई झाझा के संविदा कर्मी विकास कुमार,शशिकांत चौधरी,अजीत कुमार और अमित कुमार सिंह की लापरवाही उजागर हुई है.
दोबारा 8 मार्च को होगी परीक्षा
बिहार बोर्ड की ओर से 19 फरवरी आयोजित होने वाली मैट्रिक की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा, जिसे रद्द कर दिया है, अब वह दोबारा आठ मार्च को आयोजित की जाएगी. सामाजिक विज्ञान के प्रथम पाली में आठ लाख 46 हजार 504 परीक्षार्थी शामिल हुए थे.
ये हुई कार्यवाई
कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. प्रारंभिक जांच में एसबीआई झाझा के संविदा कर्मी विकास कुमार की संलिप्तता है. इसके साथ बैंक के तीन अन्य कर्मी शशिकांत चौधरी, अजीत कुमार और अमित कुमार सिंह द्वारा लापरवाही देखी गई है. बैंक के कर्मी विकास कुमार के संबंधी मैट्रिक परीक्षा में सम्मलित हुए. सरकारी या निजी जो भी व्यक्ति इस कार्य में सम्मलित पाए जाएंगे, उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पेपर लीक होने के बाद क्या हुआ
पेपर लीक मामले में शुरुआत में बोर्ड ने मीडिया के सामने अपना पक्ष नहीं रखा था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीएसईबी अध्यक्ष आनंद किशोर को फटकार लगाई. जिसके बाद बोर्ड ने पहली पाली की परीक्षा को रद्द किया. शुक्रवार को सोशल साइंस की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हुआ था. प्रश्न पत्र के वायरल होते ही विभाग में हड़कंप मच गया था.
सीएम ने दिया था जांच करने व परीक्षा रद्द करने का निर्देश
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष से पूरे मामले की जानकारी ली थी और जांच करने व पेपर लीक बात सही पाये जाने पर परीक्षा रद्द करने का निर्देश दिया था. सीएम ने यह निर्देश विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर से यह मामला उठाया जाने के बाद दिया था.
तेजस्वी यादव ने उठाया मुद्दा
तेजस्वी यादव ने मैट्रिक परीक्षा में सोशल साइंस का पेपर लीक होने की सूचना की ओर आसन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित हैं. सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
स्टेट बैंक कर्मी ने किया लीक
बिहार बोर्ड के के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि जांच के क्रम में पाया गया कि जमुई जिले के झाझा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से प्रश्नपत्र लीक हुआ है. इस संबंध में वहां कार्यरत संविदा कर्मी विकास कुमार की संलिप्तता पायी गयी है. इसके अलावा इसी ब्रांच के दो अन्य कर्मी शशिकांत चौधरी व अजित कुमार की लापरवाही भी सामने आयी है. पुलिस इनकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है. इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके अलावा इस ब्रांच के एक अन्य कर्मी अमित कुमार सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है. बोर्ड की ओर से देर शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
डीएम और एसपी ने की जांच
बोर्ड ने बताया है कि प्रश्नपत्र, जिसका क्रमांक 111-0470581 था, परीक्षा शुरू होने के पूर्व किसी के वाट्सएप पर भेजे जाने की सूचना मिली थी. बोर्ड ने तुरंत जांच करायी, तो स्पष्ट हुआ कि वायरल प्रश्नपत्र जमुई जिले से भेजा गया था. इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष ने जमुई के डीएम और एसपी को पूरे मामले की जांच करने को कहा. डीएम और एसपी ने देर शाम संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी.
परीक्षा दे रहे अपने रिश्तेदार के वाट्सएप पर बैंक से भेजा था प्रश्नपत्र
जांच रिपोर्ट में झाझा एसबीआइ के संविदा कर्मी विकास कुुमार की संलिप्तता पायी गयी. उसने बैंक से ही प्रश्नपत्र का फोटो खींच कर मैट्रिक परीक्षा दे रहे अपने एक रिश्तेदार के वाट्सएप पर परीक्षा शुरू होने के पहले ही भेजा दिया था. इसके अलावा उसने अन्य किसको यह प्रश्नपत्र भेजा है, इसकी पुलिस जांच कर रही है. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशाेर ने निर्देश दिया है कि इस मामले में जो भी सरकारी या निजी व्यक्ति सम्मिलित पाये जायेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी और गिरफ्तारी भी होगी.