चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह स्वीकार किया है कि पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प के दौरान उसके सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी। गलवान में झड़प के दौरान मरने वालों में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की शिनजियांग सेना कमान का रेजिमेंटल कमांडर क्वि फबाओ शामिल हैं। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से छापा और पीएलए से जारी सूचना के आधार पर पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि गलवान में भारतीय जवानों के साथ झड़प में उसके सैनिक भी मारे गए थे।
चीन ने पहली बार औपचारिक तौर पर कबूल कर लिया है कि गलवान घाटी के खूनी संघर्ष में उसके भी सैनिक मारे गए थे. अब तक वह इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बचता रहा है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पहली बार गलवान घाटी में हुई हिंसा में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या का ऐलान किया है. PLA ने कहा है कि उसके 4 अधिकारी और एक जवान मारे गए थे. हालांकि, ये बात अलग है कि भारत सहित दुनिया की कई एजेंसियों ने मरने वालों की संख्या इससे काफी ज्यादा बताई है. बता दें कि पिछले साल जून महीने में हुए संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे.
China ने नाम भी बताए
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे पांच चीनी सैनिकों के बलिदान को याद किया है. मारे गए चीनी सैनिकों का नाम भी ड्रैगन ने साझा किया है, जो हैं- पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन.
सबसे बड़ा खूनी संघर्ष
रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान खूनी संघर्ष में चार अधिकारी मारे गए थे, वहीं एक जवान की मौत रेस्क्यू ऑपरेशन के वक्त नदी में बहने से हुई थी. चीन ने अपने सैनिकों को लेकर लिखा है कि इन सैनिकों ने राष्ट्रीय संप्रभुता और अपनी जमीन की रक्षा करते हुए जान दे दी. गौरतलब है कि पिछले साल भारत और चीन के बीच हुआ गलवान संघर्ष 45 साल में सबसे बड़ा खूनी संघर्ष था.
TASS ने किया था ये दावा
चीन ने भले ही मरने वाले अपने सैनिकों की संख्या कम बताई है, लेकिन उसने सच्चाई स्वीकार कर ली है. बता दें कि भारत ने दावा किया था कि चीन के करीब 50 सैनिक गलवान संघर्ष में मारे गए थे. हाल ही में रूसी सामाचार एजेंसी TASS ने दावा किया कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में कम से कम 45 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी. इससे पहले भी कई रिपोर्ट में ऐसे खुलासे हो चुके हैं. उस वक्त चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों के मरने की बात नहीं कबूली थी.
China on Friday unveiled, for the first time, names and detailed stories of four martyrs who sacrificed their lives in the border confrontation with India in the Galwan Valley in June 2020, to commemorate their sacrifice for defending national sovereignty and territory. pic.twitter.com/v9UoXXSNSr
— Global Times (@globaltimesnews) February 19, 2021