कल 19 फरवरी से प्रारंभ हो रहे बिहार विधान सभा के बजट सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुधवार को हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि बिहार विधान सभा बिहार में लोकतंत्र का सबसे बडा मंदिर है और सदस्य यहां जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि और इस मंदिर के सेवक तथा पुजारी हैं । सदस्यों को उनके संसदीय कार्यो के निर्वहन के दौरान जनहित एवं लोक कल्याणकारी कार्यो के लिए बराबर पदाधिकारियों से मिलना पडता है और दूरभाष पर बात भी करनी पडÃती है। इनके कार्यो में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए और हर हाल में सरकारी पदाधिकारी चाहे वह सचिवालय स्तर पर प्रतिनियुक्त हों या जिला‚ अनुमंडल अथवा प्रखंड स्तर पर प्रतिनियुक्त हों‚ वह सदस्यों के साथ तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनके प्रति आदर प्रदर्शित करें। सदस्यों द्वारा फोन किये जाने पर अधिकारी का उनका फोन अवश्य उठायें तथा उनके प्रति सम्मानजनक व्यवहार करें। सदस्यों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और ऐसे मामलों को विशेषाधिकार हनन के तहत उठाये जाने पर इसकी समीक्षा की जायेगी। उन्होंने बैठक में मौजूद मुख्य सचिव‚ बिहार सरकार को निर्देशित किया कि इस संबंध में उनके स्तर से सभी पदाधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया जाए। बैठक के दौरान बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अभी हाल ही में बिहार विधानसभा भवन शताब्दी समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सदन में प्रश्नोत्तर काल जनहित और सदस्यों के हित में होता है तथा नेता प्रतिपक्ष‚ तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए गंभीर हैं। इस बैठक के दौरान उन्होंने सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर ससमय बिहार विधान सभा को उपलब्ध कराने का भी निर्देश सभी वरीय पदाधिकारियों को दिया । बैठक के दौरान उन्होंने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव‚ संसदीय कार्य विभाग बिहार सरकार तथा बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनियुक्त नोडल पदाधिकारियों के साथ आज बिहार विधान सभा के सदस्यों द्वारा पूछे गये सवालों का लिखित उत्तर विभिन्न विभागों से ससमय प्राप्त हो का निर्देश मुख्य सचिव को दिया । इस बैठक के दौरान अवधेश नारायण सिंह‚ कार्यकारी सभापति‚ बिहार विधान परिष्द एवं विजय कुमार चौधरी‚मंत्री ‚संसदीय कार्य विभाग‚ बिहार सरकार‚ बिहार विधान सभा के सचिव राज कुमार सिंह‚ बिहार विधान परिष्द के कार्यकारी सचिव बिनोद कुमार भी मौजूद थे। इसमें बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार‚ आमिर सुबहानी तथा अन्य विभागों के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
सत्र के पहले दिन क्या-क्या होगा?
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद बिहार विधान मंडल के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होगी। इसमें राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। इस पर पूरे देश की नजर रहती है। आखिर में शोक संदेश के बाद पहले दिन का सत्र समाप्त हो जाएगा।
19 फरवरी से 24 मार्च तक सेशन
वहीं 20 और 21 फरवरी को विधान सभा की बैठक नहीं होगी। 22 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आय-व्यय पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर पार्टियां अपना पक्ष रखेंगी। 23 को इस पर सरकार की तरफ से जवाब दिया जाएगा। 24 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2020-21 से संबंधित द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। 25 फरवरी 2021 को बजट पर सरकार की तरफ से जवाब दिया जाएगा। 26 फरवरी को भी अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। इसके बाद विनियोग विधेयक पेश किए जाएंगे। 27 और 28 फरवरी को बैठक नहीं होगी।
22 दिनों का होगा कार्य दिवस
इसके बाद 1 मार्च से 5 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। 8 मार्च से 16 मार्च तक बजट पर चर्चा और मतदान होगा। 17 मार्च को सरकार का उत्तर और 18 मार्च को राजकीय विधेयक एवं राजकीय कार्य होंगे। 19 से 24 मार्च तक गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे। इस सत्र में कुल 22 कार्य दिवस होगा। इस तरह से विधानसभा का सत्र 19 फरवरी से शुरू होकर 24 मार्च को खत्म होगा।