बसंत पंचमी के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश को यूपी एसटीएफ ने नाकाम कर दिया है. यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से द पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार युवकों में अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान शामिल है. दोनों केरल के रहने वाले हैं. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था (एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि वसंत पंचमी के मौके पर यह देशभर में कई प्रमुख स्थानों पर एक साथ धमाके करने वाले थे. इनके निशाने पर प्रमुख हिंदू संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर एक साथ हमला करने की योजना बना रहे थे. इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है. यह विस्फोटक कई अन्य लोगों में बांटे जाने थे और घटनाओं को अंजाम दिया जाना था.
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देश के विभिन्न हिस्सों में एक साथ आतंकी हमले की साजिश नाकाम करते हुए Popular Front of India के दो सदस्यों
1- अन्सद बदरूद्दीन,
2- फिरोज खान
को थाना गुडम्बा क्षेत्र, कमिश्नरेट लखनऊ से भारी मात्रा में Highly explosiv पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया।@uppolice pic.twitter.com/tF3og5yklY— UPSTF (@uppstf) February 16, 2021
11 फरवरी को मिला था इनपुट
एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों में बदरुद्दीन पीएफआई का कमांडर है, जबकि फिरोज असलहों का ट्रेनर है. प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई के इन दोनों सदस्यों के 11 फरवरी को ट्रेन से आने की सूचना मिली थी. जिसके बाद ट्रेन को सर्च कराया गया लेकिन इन युवकों की लोकेशन नहीं मिल सकी. आज इन युवकों के कुकरैल के पिकनिक स्पॉट पर मिलने की योजना बनाई थी. एसटीएफ को इसकी भनक लगी तो मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे एसटीएफ की टीम ने गुडंबा क्षेत्र के कुकरैल तिराहा के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
एक साल में पीएफआई के 123 लोग गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि पीएफआई इस काम को अंजाम देने के लिए यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी अपने सदस्य बना रही है. इसमें मुख्य किरदार बदरुद्दीन निभा रहा था. जबकि फिरोज असलहों की ट्रेनिंग देता है. उन्होंने बताया कि यह लोग देश के अलग अलग हिस्सों में वर्ग विशेष के युवकों को बरगला कर उनका ब्रेन वॉश कर रहे हैं और फिर उन्हें असलहों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे हैं. एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि यूपी में बीते एक साल में पीएफआई के 123 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पीएफआई का मंसूबा न सिर्फ प्रदेश का अमन चैन को बिगाड़ने का है, बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का भी है.
रऊफ ने दिया कमांडर का सुराग
प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में भी जातीय हिंसा फैलाने में पीएफआई का नाम सामने आया था. जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली हिंसा में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है. हाथरस में हिंसा की साजिश में पिछले दिनों केरल से गिरफ्तार रऊफ को एसटीएफ मथुरा ले आई थी और उसे न्यायालय में पेश किया था. एसटीएफ की कस्टडी के दौरान रऊफ ने कमांडर और ट्रेनर के बारे में जानकारी दी थी. माना जा रहा है कि उसी के बाद से एसटीएफ सक्रिय हुई और उसे बड़ी कामयाबी मिली.
बरामद सामानों में डेटोनेटर भी
यूपी एसटीएफ ने जो सामान बरामद किए हैं उसमें 16 उच्च विस्फोटक, एक्सप्लोसिव डिवाइस, बैट्री डेटोनेटर और लाल रंग का एक बंडल तार, 1 पिस्टल, 7 कारतूस, 4800 रुपये नगद, 1 पैन कार्ड, 4 एटीएम कार्ड, 2 डीएल, 1 आधार कार्ड, 2 पेन ड्राइव, 1 मेट्रो कार्ड और 12 रेलवे टिकट शामिल हैं.
पूरे प्रदेश में अलर्ट
प्रशांत कुमार ने बताया कि इन युवकों के मंसूबों को देखते हुए पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को पीएफआई का स्थापना दिवस है, इस लिए भी अलर्ट जारी किया गया है. इन दोनों के पास से एसटीएफ ने ट्रेन के 12 टिकट बरामद हुए हैं. यानी यूपी के अलग अलग जगहों पर यह लोग जा चुके हैं. इन लोगों ने विस्फोटक कुछ और लोगों को दिए हैं या नहीं यह पता लगाया जा रहा है. इन दोनों युवकों के संपर्क में आए लोगों के बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है.