केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कृषि कानूनों के मसले पर विपक्ष पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि संसद में कृषि कानूनों पर बहस होती रही, लेकिन विपक्ष के विद्वान एक भी खामी नहीं बता पाए. विपक्ष के भ्रम पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का धैर्य भारी पड़ा.
ने सोमवार को कहा, लोकसभा की कार्यवाही शनिवार को खत्म हुई. सदन के अंदर कृषि कानून (Agricultural Law) पर बहस भी होती रही. विपक्ष काला कानून कहता रहा. जब सत्तापक्ष ने कहा कि खामियां तो बता दो, लेकिन विपक्ष के विद्वान एक भी खामी नहीं बता पाए.
गिरिराज ने कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि ‘सदन में बहस के दौरान विपक्ष का कोई नेता कृषि कानूनों में कमी नहीं गिना पाया. इसलिए मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के धौर्य की तारीफ करता हूं. विपक्ष के भ्रम पर कृषि मंत्री तोमर का धैर्य भारी पड़ा.’
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि कानून को लेकर किसान तीन महीने से भी अधिक समय से आंदोलनरत हैं. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है. किसान संगठन कानून को वापस लेने की मांग पर तुले हैं, जबकि सरकार कानून में संशोधन और किसान की समस्या सुनने को तैयार है. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून किसी भी तरह से वापस नहीं होगा.
वहीं, कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल कृषि कानून के खिलाफ है और सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि सरकार सत्ता के अहंकार में किसानों की अनदेखी कर रही है.