किसान आंदोलन पर ग्रेटा टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई कथित क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि खुद को बेगुनाह बता रही हैं. कहना है कि उन्होंने सिर्फ टूलकिट के दस्तावेजों की दो लाइनें एडिट भर की है. यह अलग बात है कि उनका एक साक्षात्कार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी समेत पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही हैं, जो वास्तव में भारत की छवि को ही खराब करते हैं. इस इंटरव्यू की गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रश्न पूछने वाली भी दिशा रवि के विचारों से मेल खाती प्रतीत हो रही है. उसका पहला प्रश्न ही पीएम मोदी के निजी जीवन से लेकर सरकार पर उनके पूर्वाग्रह को सामने लाता है.
‘मुसलमान विरोधी है सरकार’
इस इंटरव्यू में प्रश्नकर्ता पीएम मोदी को कट्टर राष्ट्रभक्त और अतिप्रतिक्रियावादी करार दे महिलाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करते हुए पूछती है कि उनकी तो पत्नी भी नहीं है… ऐसे में भारतीयों ने उन्हें एक बार नही दो-दो बार क्यों चुना? इसके जवाब में रविवार को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई कथित क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि कहती हैं की पीएम मोदी की पार्टी दक्षिणपंथी पार्टी है. मोदी को लेकर एक अच्छी बात यही है कि वह अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों को लेकर एक बड़े तबको को आश्वस्त करने में सफल रहे हैं. इसके साथ ही मोदी दमन की राजनीति कर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को हाशिये पर ला रहे हैं. यही उनका और पार्टी का उद्देश्य है.
‘भारत में प्रेस को आजादी नहीं’
रवि दिशा सिर्फ यहीं नहीं रुकती, बल्कि अभिव्यक्ति और प्रेस की आजादी पर भी सवालिया निशान खड़ा करती हैं. वह बेलौस अंदाज में कहती हैं कि प्रेस पर पीएम मोदी का नियंत्रण है. इस कारण ज्यादातर प्रेस भी दक्षिणपंथी हो गए हैं. यह स्थिति वैकल्पिक यानी क्षेत्रीय मीडिया पर भी लागू होती है. जो भी उनका विरोध करता है या सवाल खड़ा करता है, उस पर मुकदमें लाद दिए जाते हैं. देश में प्रेस स्वतंत्र नहीं हैं. सभी पीएम मोदी के लक्ष्यों और उद्देश्यों के आधार पर ही काम कर रहे हैं. जो नहीं करता, उसके पीछे बेहद खौफनाक ढंग से मोदी समर्थक मीडिया पीछे पड़ जाता है. यही नहीं, दिशा साफ-साफ कहती हैं कि उनके अभिभावक भी पीएम मोदी के समर्थक हैं, लेकिन वह कतई नहीं हैं.
‘मानवाधिकार औऱ बराबरी के अधिकार नहीं हैं भारत में’
अधिकारों की बात करते हुए दिशा फिर से मोदी सरकार पर तमाम सवालिया निशान लगाती हैं. बगैर यह समझे कि अगर वह मोदी सरकार की इस कदर आलोचक रही हैं तो वह अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ही रही हैं. इंटरव्यू में दिशा रवि कहती हैं कि सरकार की नीतियों-रीतियों पर कई जगह सवाल खड़े होते हैं, लेकिन उन पर कोई प्रश्न नहीं पूछता और ना ही चर्चा करता है. यही नहीं, मोदी सरकार समानता के अधिकारों, मानवाधिकारों समेत पर्यावर्णीय अधिकारों पर भी लगातार ऐसे काम कर रही है, जिनसे सवाल खड़े होते हैं. मानवाधिकारों के क्रम में हम बहुत पीछे होते जा रहे हैं. इस इंटरव्यू में बीच-बीच में प्रश्नकर्ता भी दिशा रवि का उत्साह बढ़ाते सुनी जा सकती हैं.
दिशा रवि की रिहाई के लिए स्टूडेंट्स का प्रोटेस्ट, सोशल मीडिया से लेकर तमाम दलों ने उठाई आवाज
किसानों के आंदोलन के दौरान चर्चा में आया टूलकिट मामला अब गंभीर हो चला है. बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने कर्नाटक के बेंगलुरु से 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. दिशा एक क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट हैं, उनपर आरोप है कि जिस टूलकिट को ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. वो दिशा ने ही एडिट की, उसे आगे बढाया
अब इस मामले में दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत ने 5 दिन की कस्टडी में भेज दिया है. जिसके बाद से ही ये मामला राजनीतिक तौर पर भी तूल पकड़ रहा है. कई विपक्ष के नेताओं, एक्टिविस्ट, संगठनों ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को गलत बताया है, साथ ही सोशल मीडिया पर भी दिशा के पक्ष में ट्रेंड चल रहे हैं और स्टूडेंट अपनी आवाज़ रख रहे हैं.
कर्नाटक के बेंगलुरु में बीते दिनों दिशा रवि के समर्थन में छात्रों की ओर से प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से ही किया गया. इतना ही नहीं छात्रों की ओर से यहां पुलिसकर्मियों को पौधा भी दिया गया, साथ ही दिशा को रिहा करने की अपील की गई. सोशल मीडिया पर भी #ReleaseDisha, #JusticeForDisha, #IamwithDisha जैसे हैशटेग ट्रेंड का हिस्सा बन चुके हैं.
राजनीतिक बयानबाजी भी हुई तेज
इतना ही नहीं अब ये मामला राजनीतिक तौर पर काफी बड़ा होता जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, जयराम रमेश समेत कई बड़े नेताओं ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. पी. चिदंबरम की ओर से सवाल दागा गया कि क्या 21 साल की एक लड़की देश के लिए खतरा बन गई है. क्या एक टूलकिट सीमा पर घुसपैठ कर रहे चीन के सैनिकों से भी अधिक खतरनाक हो चली है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री के जवाब में मौजूदा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उतरे और उन्होंने एक ट्वीट करते हुए तंज कसा कि ये सभी टूल एक ही किट के चट्टे-बट्टे हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दिशा रवि की गिरफ्तारी का मसला दुनिया में सुर्खी बटोर रहा है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने भी दिशा के समर्थन में ट्वीट किया है.