दो दिवसीय दिल्ली दौरे के बाद CM नीतीश कुमार शुक्रवार शाम पटना लौट आए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी इस यात्रा के दौरान एक तीर से कई निशाने साधे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर प्रधानमंत्री तक से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे पर सफल मुस्कान नजर आई। पटना पहुंचने पर मीडियो ने उनसे केंद्रीय केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार और बिहार विधान परिषद् में मनोनयन के सवाल पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में इसपर बात नहीं हुई है। हालांकि, विधान परिषद् के मनोनयन पर सीधा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द हो जाएगा। यह तो पहले भी हो जाता।
दागी मंत्रियों पर कहा – ई हमको नहीं पता है भाई
बिहार में हाल में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद ADR की रिपोर्ट ने कहा कि 28 में 18 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें 14 पर संगीन किस्म के मामले हैं। इसे लेकर मीडिया ने जब सवाल किया तो CM नीतीश ने कहा – ई हमको नहीं पता है भाई। ये सब आपही लोग देखिएगा न…किसपर क्या मामला है। पूरा देखिए…सबकोई इलेक्ट होकर आया है। कुछ पता चलेगा तो हमको भी बताइयेगा।
कोरोना जांच मामले पर कहा – कार्रवाई होगी
बिहार के कई जिलों में कोरोना जांच के दौरान गलत रिपोर्टिंग के मामले सामने आए हैं। इससे जुड़े सवाल भी उनसे किए गए। इसपर CM ने कहा – हमको तो आज ही पता चला है। इसपर तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं। पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी गई है। मेरे पास तो शुरू से हर चीज का डाटा है। किस दिन कितना जांच हुआ। लेकिन ऐसी कोई बात हुई कि बिना जांच किये किसी के बारे में लिख दिया जाए…यह गलत है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।
संबंधों को नए तरीके से साथ लेकर चलने की कवायद
चुनाव के बाद से लेकर अब तक अपने घटक दल BJP से कई मसलों पर JDU की तकरार से लेकर यह यात्रा महत्वपूर्ण है। पुराने संबंधों को नए तरीके से लेकर चलने की कवायद को नीतीश कुमार तरजीह दे रहे हैं। यही वजह कि CM नीतीश कुमार 11 महीनों के बाद जब दिल्ली गए तो उन सभी नेताओं से मिले, जो घटक दल में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ नीतीश कुमार ने अलग-अलग मुलाकात की। विधानसभा चुनाव में BJP-JDU के बीच सीटों के बंटवारे से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक, किसी भी मसले पर CM नीतीश कुमार अपने घटक दल BJP से मिलने दिल्ली नहीं गए। इस बीच कई गलतफहमियां भी होती गईं, लेकिन CM ने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। ऐसे में CM नीतीश कुमार दिल्ली पहुंच कर अपने सभी गिले-शिकवे दूर किए। इस यात्रा को BJP-JDU के आगामी संबंधों की मजबूती से जोड़ कर देखा जा रहा है।
5 साल सरकार चलाने के लिए BJP जरूरी
JDU अभी विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी है। BJP मजबूत है। ऐसे में BJP सरकार के कई निर्णयों पर हावी है। भले CM नीतीश कुमार JDU से ताल्लुक रखते हों, लेकिन वे इस बात को भलीभांति जानते हैं कि जो विधानसभा में मजबूत है, वह कभी उनके लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है। इसलिए बिहार में पांच साल सरकार चलाने के लिए BJP बहुत ज्यादा जरूरी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में LJP की वजह से JDU को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, ऐसे में NDA के बड़े दल होने की वजह से JDU-BJP पर दबाव बनाएगा कि LJP को NDA से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। CM नीतीश ने इस पक्ष को भी BJP नेताओं के सामने रखा होगा। दूसरा यह कि बिहार में राज्यपाल द्वारा विधानपरिषद में मनोनयन की सीटों के बंटवारे पर भी आखिरी मुहर CM और BJP के नेताओं ने लगा दी है। वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में BJP और JDU की भूमिकाओं पर भी CM नीतीश कुमार ने BJP नेताओं से विस्तार में चर्चा की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि धान बेचने के लिए किसानों को अलग से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। यह पहले से तय हो चुका है। फिर भी अगर ऐसा हो रहा है, तो ऐसा करने-कराने वालों पर कार्रवाई होगी। वह शुक्रवार को पटना हवाई अड्डा पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उनसे धान बेचने में किसानों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के चलते हो रही परेशानी के बारे में सवाल पूछा गया था। उन्हाेंने कहा कि अलग से कोई रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। शुरुआती समीक्षा बैठक में ही मैंने निर्देश दिया था कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। जब कृषि विभाग में किसानों का रजिस्ट्रेशन पहले से है तो फिर से इसकी कोई जरूरत नहीं है। जिलाधिकारियों ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा था कि इससे धान की खरीद में सहूलियत होगी।
अगर ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन करता है, तो गलत है। अगर ऐसी कोई बात है तो हम तुरंत जानकारी लेंगे कि पुनः रजिस्ट्रेशन कराने की बात कहां से आ रही है? धान खरीद को लेकर कई बार समीक्षा की जा चुकी है और इसके संबंध में निर्देश भी दिया जा चुका है। सभी इच्छुक किसानों से धान की खरीद करनी है।
कुछ गड़बड़ी न हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। अधिकारियों को एक-एक चीज पर नजर रखनी है। जिलाधिकारी को नियमित अंतराल पर जाकर किसानों से मिलकर सही जानकारी हासिल करनी है, ताकि धान की खरीद ठीक ढंग से हो सके।
विधान परिषद की रिक्त सीटों पर मनोनयन जल्द
बिहार विधान परिषद की रिक्त सीटों पर मनोनयन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा- मुझे लगता है अब इसमें विलंब नहीं होगा। यह जल्द होगा। यह तो स्वाभाविक प्रक्रिया है। पहले भी हो जाता। आएगा, तो हो जाएगा। मुख्यमंत्री, दरअसल इसके वास्ते भाजपा कोटे से आने वाले नामों के बारे में कह रहे थे। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री से बिहार के विकास के मुद्दे पर बातचीत हुई है। बिहार में क्या काम चल रहा है, इन सभी मसलों पर बातचीत हुई। 18 मंत्रियों पर दर्ज मुकदमों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इसे नहीं देखा है। ऐसा लगता नहीं है। सब तो जीतकर आए हैं।
राष्ट्रपति से फोन पर हुई बात
मुख्यमंत्री ने कहा- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना था। लेकिन, सुबह में ही उनसे फोन पर बातचीत हो गई। दिल्ली में पार्टी के लोगों के अलावा अन्य लोग भी आकर मिले। बातचीत हुई। उन्हाेंने केंद्रीय कैबिनेट में हिस्सेदारी के सवाल पर कहा कि इस बारे में दिल्ली में किसी से भी कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कई बार यह बात दोहराई।
पश्चिम बंगाल चुनाव
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पश्चिम बंगाल से जुड़े पार्टी के लोगों से बंगाल चुनाव के विषय में बात कर रहे हैं। अभी तय नहीं हुआ है कि वहां किस स्वरूप में लड़ना है, कितनी सीटों पर लड़ना है?