संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी दिन है. आज लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं हुआ. लोकसभा की कार्यवाही आज शाम 4 बजे के बदले सुबह 10 बजे से शुरू हुई. कोविड-19 संकट के कारण इस बजट सत्र की शुरुआत से लोकसभा की कार्यवाही 29 जनवरी और 1 फरवरी को छोड़कर शाम 4 बजे से आयोजित की जा रही थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर लोकसभा में अपना जवाब दे रही हैं. बता दें कि एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-2022 प्रस्तुत किया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट को देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की भूमिका रखने वाला बजट बताया है. सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थतियां भी सरकार को सुधार के कदम उठाने से डिगा नहीं सकीं. उन्होंने ये भी कहा कि सुधार के कदमों को उठाने का मकसद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में रहे.
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की भूमिका रखी है. कुछ दूसरे देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी है, लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से काम हुआ और स्थिति से जिस तरह से निपटा गया है उसका नतीजा है कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से आगे बढ़ रही है.
विपक्ष पर वित्त मंत्री सीतारमण का निशाना
सीतारमण ने विपक्षी कांग्रेस पर नाम लिए बिना निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से सत्ता में रहने वाली पार्टी को 1991 में आर्थिक सुधारों की बात सूझी. इस सरकार से और प्रधानमंत्री से बार-बार आर्थिक सुधारों को लेकर सवाल पूछे जाते हैं.
सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की. इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? बार-बार सवाल खड़ा किया जा रहा है कि इस बजट में कृषि में आवंटन क्यों घटाया गया? इस बात को गलत तरह से रखा गया है. आपको किसानों की चिंता नहीं है? इसे ठीक से नहीं समझा गया क्योंकि पीएम किसान सम्मान योजना के शुरू होने से लेकर 10.75 करोड़ किसानों के बैंक खातो में 1.15 लाख करोड़ ट्रांसफर किया गया.
उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि पश्चिम बंगाल के 65 लाख किसानों को इस योजना का पैसा नहीं दिया जा सका क्योंकि राज्य सरकार की ओर से इन किसानों की सूची नहीं आई, इसलिए हम बजट आवंटन का पूरा उपयोग नहीं कर सके.
लोकसभा में निर्मला सीतारमण के जवाब के दौरान बार बार दामाद शब्द गूंजा. वित्त मंत्री ने कहा कि हम न दामाद के लिए काम करते हैं और न ही Crony के लिए. हम जनता के लिए काम करते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी के अनुभवों पर आधारित है जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. तब 1991 के बाद लाइसेंस और कोटा राज जा रहा था उस दौरान गुजरात में कई काम हो रहे थे और उसी अनुभव के आधार पर अपने रिफॉर्म्स को इस बजट में शामिल किया- वित्त मंत्री
2013-14 में राजस्व के तहत 1,16,931 करोड़ रुपये, पूंजी के तहत 86,741 करोड़ और 44,500 करोड़ रुपये पेंशन के तहत आवंटित किए गए थे. अब राजस्व के तहत 2,09,319 करोड़, पूंजी के तहत 1,13,734 करोड़ और पेंशन के तहत 1,33,825 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं- वित्त मंत्री
इस बार के बजट को इस तरीके से तैयार किया गया है, जिससे देश के हर नागरिकों की आकंक्षाओं को पूरा किया जा सके. सरकार को देश के युवाओं पर पूरा भरोसा है- वित्त मंत्री
कोरोना महामारी के बावजूद भारत आत्मनिर्भर बनेगा. कोरोना भी हमारी सरकार को सुधार करने से नहीं रोक पाया. आने वाले समय में भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होगा- निर्मला सीतारमण
महामारी की स्थिति में भी सरकार ने प्रोत्साहन और सुधार जैसे कार्य किए हैं. महामारी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति सरकार को इस देश में दीर्घकालिक विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों पर फैसले लेने से नहीं रोक सकती है- निर्मला सीतारमण
मैं दृढ़ता से स्थापित करूंगा कि पानी और स्वच्छता लाने के बावजूद, कोर स्वास्थ्य के लिए आवंटन में कमी नहीं आई है. इसके विपरीत, यह बढ़ा है- लोकसभा में निर्मला सीतारमण
बजट भाषण में मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि हम स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण ले रहे हैं- वित्त मंत्री