राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मानहानि के एक मामले में आज पटना की विशेष कोर्ट में सरेंडर किया। सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने उन्हें पांच हजार रूपए के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदारों के बांड पर जमानत दे दी। मानहानि का यह मामला जदयू नेता (अब मंत्री) संजय झा व CM नीतीश कुमार पर तिवारी के दिए एक बयान से जुड़ा है। इस बयान को संजय झा ने आपत्तिजनक बताया था और पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अवमानना का केस दाखिल किया था।
अगस्त 2018 में तिवारी ने दिया था बयान
बात तब की है जब बिहार में बालिक गृह कांड चर्चा में था। उसी दौरान 7 अगस्त 2018 को एक प्रेस कांफ्रेंस में शिवानंद तिवारी ने कहा था – CM नीतीश कुमार, संजय झा के घर क्यों आते-जाते हैं? क्या वे उनके साले हैं या बहनोई हैं? मधुबनी बालिका गृह संचालित करने वालों का संजय झा से क्या संबंध है? इन सवालों के बाद ही संजय झा ने 15 सितंबर 2018 को मानहानि का केस कराया था। तब संजय झा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर थे। इस मामले में साल भर पहले पटना सिविल कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव नयन ने संज्ञान लेते हुए शिवानंद तिवारी के खिलाफ सम्मन जारी करने का आदेश दिया था।
फूंका गया था तिवारी का पुतला
बयान के बाद मिथिलांचल में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। मधुबनी में जदयू समेत कई संगठनों ने जुलूस निकाल विरोध-प्रदर्शन किया था। शिवानंद तिवारी के इस बयान को पूरे मिथिलांचल का अपमान बताया गया था। उन पर FIR कराने की मांग की गई थी।
आज विशेष कोर्ट में किया सरेंडर
शिवानंद तिवारी आज पटना सिविल कोर्ट स्थित सांसदों और विधायकों के लिए बने विशेष कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक रंजन की अदालत में उपस्थित हुए थे। आत्मसमर्पण करने के साथ ही जमानत अर्जी दी। उनके जमानत आवेदन को संचालित करते हुए अधिवक्ता एजाज हुसैन ने विशेष अदालत को बताया कि आरोप की धाराएं जमानती हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तिवारी को जमानत दे दी।