बिहार के नए उद्योग मंत्री के तौर पर शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने बुधवार को अपना पद भार संभाल लिया. पद भार संभालते ही शाहनवाज हुसैन ने न्यूज़ 18 से बातचीत करते हुए अपने पांच साल के कार्यकाल का पूरा खाका रखा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के सपने को पूरा करना है. बिहार भी आत्मनिर्भर बने, यही सपना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी देखते हैं. प्रधानमंत्री ने उस सपने को पूरा करने के लिए मुझे बिहार (Bihar) में काम करने का मौका दिया और मैंने उद्योग मंत्री के तौर पर पर पद भार ग्रहण किया है.
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उद्योग विभाग की होने वाली है. यह सही है कि बिहार लैंडलॉक स्टेट है लेकिन हमारे पास नादियों का पानी हैं, पंजाब और हरियाणा भी लैंडलॉक स्टेट है, जब वहां विकास हो सकता है, उद्योग-धंधे लग सकते है तो बिहार में क्यों नहीं. बिहार में कई ऐसे क्षेत्र है जहां बड़ी संभावना है. बिहार में कृषि का सेक्टर हो या खाद प्रसंस्करण, इन क्षेत्रों में बड़ी संभावना है.
बिहार में उधोगपतियों को कई समस्याएं आती हैं. खास कर जमीन की समस्या हो या लाल फीताशाही की, इस पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में जमीन के मालिकों के लिए जमीन सबसे महत्वपूर्ण होती है, इसी वजह से समस्या होती है. लेकिन हम कोशिश करेंगे की यह समस्या ना हो, सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा ताकि निवेशकों को समस्या ना हो. बिहार में बड़े निवेशक कब आएंगे, बड़े उद्योग कब तक लगेंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं देश ही नही विदेशों में रहने वाले उद्योगपतियों से मुलाकात करने जाऊंगा, और निवेशकों को समझाऊंगा की बिहार में निवेश क्यों फायदेमंद है. बिहार के बाहर देश हो या विदेश, बड़ी संख्या में लोगों ने उद्योग लगा रखा है, मैं उनसे भी कहूंगा कि बिहार में आएं और निवेश करें. बिहार में कई बड़े-बड़े ब्रांड के सामान बिकते हैं, मैं उनसे कहूंगा कि जब सामान बिहार में बिकता है तो सामान बिहार में बन क्यों नहीं सकता है.
‘बिहार में उद्योगों का जाल बिछाने चाहता हूं, श्रीकृष्ण बाबू के सपनों को आगे बढ़ाना चाहता हूं’
आपका सपना क्या है, इस सवाल पर शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि जैसे श्रीकृष्ण बाबू के समय बिहार में उधोगों का जाल बिछा हुआ था, वैसे ही बिहार में उद्योग का जाल बिछाना चाहता हूं. मै श्रीकृष्ण बाबू के सपने को आगे बढ़ाना चाहता हूं. क्या आप सफल होंगे, इस सवाल पर वो कहते है कि मुझे जब भी जो जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरा किया है. सिविल एविएशन मिनिस्टर था तो बिहार में गया में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा खुलवाया. किशनगंज जैसे सीट पर पार्टी का झंडा बुलंद किया. इस बार भी मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करूंगा. सीएम नीतीश कुमार भी विकास के लिए लगातार प्रयास में लगे हुए हैं उनके साथ मिलकर बिहार में उद्योगों का जाल बिछाऊंगा, यही मेरा सपना है.
बता दें कि श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे जिनके समय में बिहार और झारखंड संयुक्त राज्य था. यहां कई बड़े उद्योग लगे थे, तब बिहार का नाम उद्योग और विकास के मामले में देश में अव्वल राज्यों में शुमार होता था. लेकिन बाद के वर्षों में खास कर झारखंड के अलग होने के बाद बिहार उद्योग के मामले में पिछड़ता चला गया, और आज हाल यह है कि बिहार में ना तो बड़े उद्योग है और ना ही कोई बड़ा निवेशक आता है.