जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह ने आज राज्यसभा में महापत्तन प्राधिकरण विधेयक‚ २०२० का समर्थन किया और इस बिल पर तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए। संबोधन के दौरान अपने पहले सुझाव में उन्होंने कहा कि मेजर पोर्ट के लिए बनाए जा रहे बोर्ड में उन राज्यों का एक–एक प्रतिनिधि होना है‚ जहां ये मेजर पोर्ट हैं। इसमें मेरा अनुरोध होगा कि वैसे स्टेट्स जो लैंडलक्ड हैं और जिनका एक्सेस पोर्ट पर नहीं है‚ इस बोर्ड में उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। अपने दूसरे सुझाव में उन्होंने कहा कि ये जो हमारे पोर्ट हैं वो इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट के बहुत बडÃे हब होते हैं। जबकि लैंडलाक्ड होने के कारण हमारे नदर्न स्टेट्स बिहार‚ यूपी‚ झारखंड आदि का अपना कोई पोर्ट नहीं है। मेरा अनुरोध होगा कि एक पालिसी बनाई जाय कि जो लैंडलाक्ड स्टेट्स हैं‚ जिनके अपने पोर्ट नहीं हैं‚ उनके लिए भी हमारे कोस्टल एरिया में पोर्ट बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए। मेरा तीसरा सुझाव होगा कि मेजर पोर्ट के सहायक बोर्ड में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस या हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को रखा गया है‚ जबकि हमारे बहुत सारे ट्रिब्यूनल्स हैं‚ जिसमें लोग हमें नहीं मिल पाते। मेरा अनुरोध होगा कि उसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ ही हाईकोर्ट के जज को भी रख दिया जाय तो उनकी उपलब्धता ज्यादा रहेगी॥।
जातीय सर्वे के आंकड़ों ने मुसलमानों के बीच जातिविहीन समाज के मिथक को पूरी तरह खारिज दिया
बिहार में 2 अक्टूबर को जारी हुए जातीय सर्वे के आंकड़ों ने मुसलमानों के बीच जातिविहीन समाज के मिथक को...