मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पीएमसीएच परिसर में भूमि पूजन एवं शिलान्यास का अनावरण कर पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगल पांडेय जी जब स्वास्थ्य मंत्री बने तो पीएमसीएच का पुनर्निमाण कर इसे विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ। इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनाई गयी। आज के कार्यक्रम में एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आप सभी को दिखाया गया है कि पीएमसीएच किस तरह से विश्वस्तरीय अस्पताल बनेगा। इसका निर्माण तीन चरणों में होगा। निर्माण के दौरान पीएमसीएच का काम प्रभावित नहीं होगा। यहां चिकित्सकों‚ कर्मचारियों एवं छात्र–छात्राओं के रहने के लिए आवास का बेहतर निर्माण भी किया जायेगा। इस परियोजना में एक–एक बिंदु का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में बताया गया है कि इस परियोजना के पूर्ण होने का लक्ष्य ७ वर्ष निर्धारित किया गया है। मेरी ख्वाहिश है कि इसका निर्माण कार्य ५ वर्षों में पूर्ण कर लिया जाय। निर्माण कार्य तेजी से हो इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनायें जो इसका सतत अनुश्रवण करती रहे। हम भी निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए बिना बताए बीच–बीच में आते रहेंगे और जरूरी सुझाव देते रहेंगे। किसी प्रकार की जरूरत होने पर सरकार की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाएगा। पीएमसीएच का पुनर्विकास कार्य तेजी से पूर्ण हो ये हमारी सर्वोच्य प्राथमिकता है। पीएमसीएच में लोगों के आवागमन को बेहतर बनाने के लिए इसे गंगा पथ से जोडा जा रहा है। अशोक राजपथ से भी एलिवेटेड सडक बनाकर इसे जोडा जाएगा। यहां हेलीकॉप्टर के भी उतरने की व्यवस्था होगी ताकि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यहां लाने में सुविधा हो। यहां गाडियों की पाकिग की भी उचित व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज होगा और अनुसंधान कार्य भी किए जाएंगे। एनएमसीएच‚एसकेएमसीएच और एएनएमसीएच अस्पतालों में भी बेड की संख्या बढाने का निर्णय लिया गया है। हम लोगों का उद्ेश्य है कि किसी को भी इलाज के लिए बिहार से बाहर जाना न पडे। उन्होंने कहा कि हम लोगों की सरकार आने के पहले राज्य में स्वास्थ्य की क्या स्थिति थी‚ सभी जानते हैं। वर्ष २००६ से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए काम किया गया। गांव में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है। अब उन लोगों के लिए नई तकनीक के माध्यम से कई बीमारियों के इलाज का इंतजाम किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने हरित पौधा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रतीक चिह्न भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की पुनर्विकास एवं परियोजना से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम को केन्द्रीय संचार‚ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद‚ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय‚ विधायकअरुण कुमार सिन्हा‚ विधायक नितिन नवीन‚ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एवं पीएमसीएच के प्राचार्य विद्यापति चौधरी ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमलोगों ने कई कदम उठाए। चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एकजुट होकर काम किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पीएमसीएच परिसर में भूमि पूजन एवं शिलाप^ का अनावरण करता हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान इससे बचाव को लेकर कई पुराने एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों से वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत होती रही है। वर्ष २००५ में सरकार में आने के बाद पल्स–पोलियो टीकाकरण का कार्य अभियान चलाकर तेजी से किया गया जिसकी प्रशंसा सभी जगह हुयी। दुनिया में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई उसकी तुलना में अपने देश में मरीजों की मौत कम हुई। देश में कोरोना से मृत्यु की दर १.४४ प्रतिशत रही जबकि बिहार में कोरोना से मृत्यु दर ०.५८ प्रतिशत रही। १० लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण की औसत जांच जितनी देश में हो रही है उससे २२ हजार ज्यादा जांच बिहार में हो रही है। प्रधानमंत्री जी को इस बात के लिए धन्यवाद करते हैं और उनका अभिनंदन करते हैं कि अपने देश में कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया गया। प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का काम पूरे देश में चल रहा है। दूसरे चरण के टीकाकरण में ५० वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के साथ–साथ ५० वर्ष से कम आयु के गंभीर बीमारियों से पीडित लोगों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा। लोगों का वैक्सीनेशन निःशुल्क कराया जा रहा है। बिहार में टीकाकरण का काम भी तेजी से हो रहा है। बिहार में टीकाकरण की दर पूरे देश में सबसे अधिक है। बिहार में कोरोना संक्रमण बहुत घटा है‚ लेकिन फिर भी इससे सचेत और सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएमसीएच के पुनर्विकास कार्य की शुरुआत आज हुयी है और मेरी इच्छा है कि यह पांच वर्ष में बनकर विश्वस्तरीय स्वरुप में तैयार हो जाए।
किसानों से बातचीत चल रही हैः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों द्वारा एमएसपी के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि किसानों से तो बातचीत चल ही रही है। प्रारंभ से यह बताया जा रहा है कि कभी भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस समाप्त नहीं होगा बल्कि लोगों को यह आजादी होगी कि वे जहां चाहें अपना अनाज बेच सकते हैं। यह किसानों के हित में है। पंजाब‚ हरियाणा समेत कुछ राज्यों के किसानों को पहले से चली आ रही परंपरा के कारण भ्रम है। मुझे लगता है कि कभी भी किसानों के हित के खिलाफ कोई काम नहीं होगा। हमलोगों ने बिहार में वर्ष २००६ में ही एपीएमसी एक्ट को खत्म कर दिया था। हमलोगों ने बिहार के किसानों को आजादी दी। इसके बाद हमलोगों ने प्रोक्योरमेंट के लिए काम किया। अभी काफी प्रोक्योरमेंट हो रहा है। हमलोग शुरु से ही किसानों के हित में काम करते रहे हैं। कभी किसी को कष्ट नहीं हो इस पर ध्यान देते रहे हैं। केंद्र सरकार किसानों को सबकुछ एक्सप्लेन करना चाह रही है। हमलोगों को पूरी उम्मीद है कि आंदोलन कर रहे किसानों को सारी बातें स्पष्ट हो जायेंगी। मुझे भरोसा है कि बातचीत के बाद वे लोग संतुष्ट होंगे।