मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह सरकार सभी की है। पक्ष और विपक्ष को मिलकर सरकार चलाने की जिम्मेदारी है। यह सरकार सभी विधायकों की है। हम सभी यहां जनसेवा के लिए आये हैं। हम मालिक नहीं सेवक हैं। जनता की सेवा करना सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों का दायित्व है। राजनीतिक तौर पर अलग होकर भी हम सभी को मिल–जुलकर काम करना है और प्रदेश को आगे बढ़ाना है।
नीतीश ने रविवार को यहां विधानमंडल विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष शुभारंभ सह प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि बिहार का पुराना इतिहास है। बीच में बिहार पिछड़ गया था‚ लेकिन फिर से आगे बढ़ रहा है। आजादी के बाद डॉ. श्रीकृष्ण सिंह‚ स्व. अनुग्रहण नारायण सिंह‚ जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसी कई विभूतियों ने बिहार को आगे बढ़ाया है। बिहार आगे बढ़ रहा है और आगे बढ़ता ही रहेगा। उन्होंने कहा‚ समाज के एक बड़े तबके पर किए जा रहे अच्छे कार्यों का प्रभाव दिखता है‚ लेकिन समाज में १० प्रतिशत लोग गड़बड़ करने वाले भी हैं। हमलोग भले ही राजनीतिक तौर पर अलग हैं‚ लेकिन मिल जुलकर काम करना है‚ लोगों की सेवा करनी है और बिहार को आगे बढ़ाना है ताकि देश भी आगे बढ़ता रहे। समाज में प्रेम‚ भाईचारा और सद्भाव का माहौल बनाये रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी सदस्य विधायक या विधान पार्षद के रूप में निर्वाचित होते हैं वे सभी जनप्रतिनिधि‚ जनता के प्रतिनिधि हैं। लोकतंत्र लोगों का शासन है। लोग अपने बीच से एक प्रतिनिधि चुनकर शासन के लिए भेजते हैं। चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के‚ सभी जनप्रतिनिधि सरकार के अंग होते हैं। आज कई जनप्रतिनिधियों ने जो बातें कही हैं उन सब बातों पर गौर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में जनता मालिक है। सभी विधायक जनता के प्रतिनिधि हैं और सरकार में बैठे लोग जनता के सेवक हैं। सभी विधायक सरकार के अंग हैं चाहे पक्ष हों या विपक्ष।
नीतीश ने कहा‚ सदन के सदस्यों का कर्तव्य है कि अपने क्षेत्र में हो रही समस्याओं के संबंध में जानकारी ले और उनका कर्तव्य है कि वे सदन की कार्यवाही में इसे रखें और बाहर भी इसे सार्वजनिक करें। हम आप सबको आश्वस्त करते हैं कि जो भी सार्थक प्रश्न होगा उसका जरूर समाधान किया जाएगा। सरकार का दायित्व है जनप्रतिनिधियों की बातें सुनना‚ और उसका समाधान करना। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सदस्यों ने चर्चा के दौरान विधानमंडल के सत्र की अवधि बढ़ाने की बात की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस अध्यक्ष व विप के कार्यकारी सभापति मिलकर निर्णय लें कि सदन अधिक से अधिक दिनों तक चले। जिसमें सदस्य अधिक से अधिक सवाल सदन के समक्ष रख सकें और उसका समाधान हो सके। नीतीश ने कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस सेंट्रल हॉल का उद्घाटन ७ फरवरी २०१६ को कराया था। इस दौरान ६ और ७ फरवरी को कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा शताब्दी वर्ष समारोह पूरे साल चलेगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी शामिल होंगे। देशभर के लोग भी इन कार्यक्रमों से अवगत होंगे। एक दिन ऐसा भी कार्यक्रम रखें जिसमें पूर्व विधायकों‚ विधान पार्षदों को भी आमंत्रित किया जाए ताकि हम उनके अनुभवों को सुनकर उनका लाभ उठा सकें। नई पीढ़ी के जनप्रतिनिधि कई बातों को भी जान सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद पहले संयुक्त रूप से उपसभा विधायी कहलाता था। वर्ष १९२० में बिहार विधानसभा भवन के निर्माण का कार्य शुरू हुआ और ७ फरवरी १९२१ को यह भवन बनकर तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह कार्यक्रम में ‘लोकतंत्र में विधानमंडल में सदस्यों की भूमिका’ पर परामर्श किया गया। इसके पहले भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। २२ मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है। विधायी परिषद के १०० वर्ष पूर्ण होने पर उस समय के सभापति स्व. ताराकांत झा ने बड़े पैमाने पर बिहार विधान परिषद शताब्दी समारोह कार्यक्रम आयोजित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी इसमें शामिल हुई थीं। इसी कार्यक्रम में व्याख्यान देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी आए थे। देश और देश के बाहर के प्रमुख विद्वतजन ने भी अपने व्याख्यान दिए थे। विधान परिषद की पहली बैठक २० जनवरी १९१३ को पटना कॉलेज के प्रांगण में हुई थी। विधान परिषद् के सौ साल पूरे होने पर आयोजित हुये कार्यक्रम में स्व. रामाश्रय बाबू भी उपस्थित थे‚ जो पचास साल पहले विधान परिषद् के सदस्य बने थे।
नीतीश ने कहा कि राष्ट्रपिता के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह हुआ‚ जिसका इतना प्रभाव पड़ा कि ३० वर्ष के अंदर ही भारत को आजादी मिल गई। आजादी की कहानी नई पीढ़ी को जाननी चाहिए। बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है। बापू से संबंधित दो किताबों का कथावाचन सभी स्कूलों में कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग से आग्रह है कि ये दोनों पुस्तक सभी जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं। बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है‚ जिसे सभी स्कूलों‚ सरकारी संस्थानों में और विधानमंडल भवन में भी अंकित करा दिया गया है। यह सात सामाजिक पाप कार्य हैं। इनमें सिद्धांत के बिना राजनीति‚ काम के बिना धन‚ विवेक के बिना सुख‚ चरित्र के बिना ज्ञान‚ नैतिकता के बिना व्यापार‚ मानवता के बिना विज्ञान तथा त्याग के बिना पूजा शामिल हैं। नई पीढ़ी को इसे आत्मसात करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि १३ जुलाई २०१९ को सभी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर संयुक्त बैठक हुई थी। सभी लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जल–जीवन–हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया। जल–जीवन–हरियाली अभियान का अर्थ है जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है। चाहे वो जीवन मनुष्य का हो अथवा पशु‚ पक्षी या जीव जंतु का हो। उन्होंने कहा कि १०० वर्ष पूर्व बापू ने पर्यावरण के संबंध में काफी महत्वपूर्ण बात कही थी कि पृथ्वी सभी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है‚ लालच को नहीं। बापू की बातों को अगर नई पीढ़ी आत्मसात कर ले तो समाज ही आगे नहीं बढ़ेगा बल्कि कई प्रकार की कुरीतियों से भी छुटकारा मिलेगा।
नीतीश ने कहा कि कोरोना टीकाकरण का प्रथम चरण चल रहा है। दूसरा चरण भी जल्द शुरू होगा‚ जिसमें ५० वर्ष से ऊपर के लोगों और ५० वर्ष से कम उम्र वाले लोगों का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना संक्रमण की दर कम है‚ फिर भी हमलोगों को सतर्क और सजग रहना है। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा‚ विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह‚ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ उपमुख्यमंत्री रेणु देवी‚ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी‚ विधान पार्षद डॉ. रामचंद्र पूर्वे‚ विधायक अजीत शर्मा‚ अवध बिहारी चौधरी‚ विजय शंकर दूबे‚ महबूब आलम‚ अख्तरुल ईमान‚ रामरतन सिंह एवं अजय कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी‚ मंत्री‚ पूर्व मंत्री‚ विधायक एवं विधान पार्षद‚ बिहार विधानसभा के सचिव राजकुमार सिंह‚ बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सचिव विनोद कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।