राजधानी से सटे सिंघू‚ टिकरी‚ गाजीपुर बॉर्ड़र पर एक बार फिर किसानों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा कड़़ी कर दी है। दरअसल‚ नये कृषि कानूनों को लेकर सरकार के साथ चल रही बातचीत फेल होने और २६ जनवरी को दिल्ली में हिंसा के बाद से दिल्ली पुलिस कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है। किसानों की बढ़ती भीड़़ पर नजर रखने के लिए पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
गाज़ीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। किसानों को यहां प्रदर्शन करते हुए आज 68 दिन हो गए हैं। #FarmersProtests pic.twitter.com/NeCvsHGMi2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2021
सीमाओं पर किसानों के धरना स्थलों को एक तरह से आइसोलेट कर दिया गया है। उनके आसपास कई लेयर की बैरिकेडिं़ग कर दी गई है। बैरिकेडिं़ग के ऊपर कंटीली तार बिछा दी हैं। सीमेंट की दीवारें खड़़ी कर दी गई हैं। सीमेंट की स्लैब लगाकर रास्ते बंद कर दिए हैं। टिकरी बॉर्ड़र पर कई जगहों पर तो बड़े़ गड़्ढे तक खोद दिए गएहैं। आंदोलन स्थलों के निकटवर्ती क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध लागू है। सड़़क कर टायर किलर्स लगा देने के साथही भारी तादाद में पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात कर दिए हैं। खासकर गाजीपुर बॉर्ड़र पर क्योंकि यह किसान आंदोलन का केंद्र बन चुका है। अक्षरधाम से गाजीपुर बॉर्ड़र की तरफ जाने वाले सड़़क पर जगह–जगह डं़पर भी खड़े़ कर दिए गए हैं। बहादुरगढ़ सिटी‚ टिकरी बॉर्ड़र स्थित मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा बंद किए गए हैं। दिल्ली के ये बॉर्ड़र छावनी में तब्दील हो चुके हैं। किसान स्वयं को अपराधी जैसे महसूस कर रहे हैं। बॉर्ड़रों पर आम लोगों का आवागमन करीब–करीब पूरी तरह बंद है। उन्हें आने–जाने के लिए वैकल्पिक रूट सुझाए गए हैं। फिर भी दिल्ली के सीमाई इलाकों में भीषण जाम के हालात बने हुए हैं। २६ जनवरी को कथित किसानों ने जिस तरह पुलिस का विश्वास तोड़़ा है‚ उसे देखते हुए पुलिस कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती। इस बीच‚ आंदोलनकारियों ने छह फरवरी को तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ की घोषणा करके पुुलिस को और चौकन्ना कर दिया है। किसान नेताओं ने बजट में किसानों की कथित अनदेखी और विरोध स्थलों पर पानी–बिजली की आपूर्ति रोकने के विरोध में सिंघू बॉर्डर पर चक्का जाम करने की घोषणा की है यानी अवरुद्ध आवागमन से पहले से ही परेशान आम जनता और पुलिस के धैर्य की परीक्षा अभी और होनी है। तमाम तैयारियों के बीच पुलिस मुस्तैद है।