नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के तीसरे बजट से नौकरीपेशा लोगों को मायूसी हाथ लगी है. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि लोग कोरोना संकट की वजह से आयकर में छूट की उम्मीद लगाए हुए थे. वित्त मंत्री ने सिर्फ 75 से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन्स को ही इसमें राहत देते हुए उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से मुक्त कर दिया है.
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वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार 75 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों पर पड़ने वाला दबाव कम करने जा रही है. उन्होंने कहा, “75 साल से अधिक के उन बुजुर्गों जिनकी आय का स्रोत सिर्फ पेंशन है, उन्हें अब इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा.” वित्त मंत्री ने NRI लोगों को टैक्स भरने में होने वाली परेशानियों को द्खते हुए उन्हें डबल टैक्स सिस्टम से छूट देने का ऐलान किया है.
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वित्त मंत्री ने छोटे करदाताओं के लिए मुकदमेबाजी को और कम करने के लिए विवाद समाधान समिति गठित करने का प्रस्ताव बजट भाषण में किया है. ये समिति दक्षता, पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी. 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले और 10 लाख रुपये तक की विवादित आय वाले व्यक्ति इस समिति के समक्ष जा सकेंगे.
75 साल से ऊपर वालों को ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) नहीं भरना पड़ेगा
पिछले साल अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया था. उन्होंने कई नए स्लैब की घोषणा की थी. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ था जब देश में इनकम टैक्स स्लैब के दो विकल्प रखे गए थे. पिछले बजट के अनुसार और अभी देश में मौजूदा टैक्स की दरें इस प्रकार हैं-
– 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
– 5 से 7.5 लाख: 10%,
– 7.5 से 10 लाख: 15%
– 10 से 12.5 लाख की आय पर अब 20% टैक्स