गोपालगंज : बिहार में कांग्रेस का अंतर्कलह कम होता नहीं दिख रहा है. गोपालगंज में बिहार कांग्रेस संगठन को उस वक्त फजीहत झेलनी पड़ी जब वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के दौरान ही कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में उलझ गए. सैकड़ों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ता बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही हंगामा और दोषारोपण करने लगे. आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी नेताओं पर पक्षपात करने, चुनाव के दौरान गलत नीतियों की वजह से दूसरे दल के नेताओं को टिकट देने और कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे थे.
दरअसल, रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गोपालगंज सर्किट हाउस में एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में भाग लेने के लिए पटना से बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास सहित कई पार्टी का आलाकमान यहां पहुंचा हुआ था. इसी बैठक में स्थानीय जिलाध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सैकड़ों की संख्या में पार्टी के नेता भी मौजूद थे. निर्धारित समय से यहां पर बैठक शुरू होने वाली थी. इसी दौरान ही पार्टी के कार्यकर्ता आपस में उलझ गए और प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी के सामने ही पार्टी नेताओं पर कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने सहित जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट नही देने का आरोप लगाने लगे.
पार्टी नेताओं ने विधानसभा चुनाव में दूसरे दल के टिकट पर दूसरे नेताओं को जबरन थोपने का आरोप लगाया और पार्टी के प्रत्याशियों ने भी कार्यकर्ताओं को चुनाव में साथ नहीं देने का आरोप लगाया. दोनों पक्षों से आरोप-प्रत्यारोप की वजह से बैठक में हंगामा हो गया और कार्यकर्ता बैठक छोड़कर जाने लगे.
गोपालगंज कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष अमूल्य रत्न जुबानी ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता और अधिकारी संगठन के फैसले को लेकर नाराज हैं और इसी को लेकर के आपस में झगड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता अपने संगठन को मजबूत करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के लोग अपने कार्यकर्ताओं को कमजोर कर रहे हैं, उन्हें दरकिनार कर रहे हैं. हंगामा और झगड़े के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास भी मौजूद रहे. बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में सही लोगों को टिकट नहीं मिला जिसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है और गोपालगंज के कार्यकर्ता नाखुश हैं.