दिल्ली-हरियाणा के बीच स्थित सिंघु बॉर्डर पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र है. ऐसी जानकारी है कि यहां किसानों का विरोध करते हुए भीड़ इकट्ठा हो गई है, जिसने यहां पर पत्थरबाजी की है और किसानों के टेंट उखाड़ दिए गए हैं. सिंघु पर किसान आंदोलन के तहत हजारों किसान पिछले दो महीनों से मौजूद हैं, लेकिन गणतंत्र दिवस को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के उग्र हो जाने और फिर हिंसा होने के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. शुक्रवार की दोपहर तक यहां बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती थी, लेकिन कुछ 200 के लगभग लोग यहां पहुंचे और पत्थरबाजी की और किसानों के टेंट उखाड़े. हालात बिगड़ने के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और किसानों ने शांति बनाने की अपील की है. अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इतने लोगों की भीड़ प्रदर्शनस्थल तक कैसे पहुंची है.
इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है. सिंघु बॉर्डर के अलावा टिकरी बॉर्डर और दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी भारी सुरक्षा तैनात की गई है. गाज़ीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर एक ‘महापंचायत’ बुलाई है.
वहीं केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अन्नदाताओं के किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गए हैं. गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में जमकर हंगामा हुआ. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी को घेरते हुए शुक्रवार को निशाना साधा. सिसोदिया ने बीजेपी से अपने नेताओं को समझाने की बात करते हुए कहा कि अहंकार से पेट नहीं भरता. किसानों के समर्थन में अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है.