आज 27 जनवरी है। इस महीने को खत्म होने में महज 4 दिन बचे हैं। अभी तक नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर लगा ग्रहण हटता नहीं दिख रहा है। तारीख-दर-तारीख और फिर JDU की ओर से ही कहा जा रहा है- “रुकिए! BJP का इंतजार है।” आखिर विस्तार में देरी क्यों हो रही है? इसे समझने के लिए आपको बिहार की राजनीति को थोड़ा समझने की जरूरत है। दरअसल, JDU मंत्रिमंडल विस्तार से पहले BJP से अपने सभी मसलों को सुलझा लेना चाहता है। इसलिए कि पार्टी अभी NDA में कमजोर है। आगे खामियाजा ना उठाना पड़े, इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल, राज्यपाल कोटे के MLC मनोनयन के साथ आयोग, बोर्ड, निगम का बंटवारा पहले चाहता है। यही वजह है कि बिहार कैबिनेट विस्तार की तारीख बढ़ती जा रही है। अबतक 28 जनवरी की तारीख आ रही थी, अब कहा जा रहा है कि 31 जनवरी तक कभी भी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
JDU को BJP से सुलझाने हैं 3 मसले, वह भी साफ-साफ
JDU आलाकमान चाहता है कि जिन-जिन मसलों को BJP के साथ सुलझाना है, उसे निपटा लिया जाए। प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार से पहले पार्टी तीन और मामलों पर BJP से समझौता करना चाहती है।
राज्यपाल कोटे से मनोनयन – JDU अब चाहता है कि प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राज्यपाल कोटे की 12 सीटों के लिए विधान परिषद मनोनयन को फाइनल कर लिया जाए। पार्टी ने अंदर-अंदर इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है। हिस्से में इस बार 5 ही सीट आएंगी। जो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं – अशोक चौधरी, उमेश कुशवाहा (प्रदेश अध्यक्ष), संजय सिंह, रविंद्र सिंह, अजय आलोक, राजीव रंजन प्रसाद और जय प्रकाश सिंह। दूसरी तरफ इन सीटों के लिए अभी तक BJP की ओर से किसी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है।
निगम, बोर्ड और आयोग का बंटवारा – JDU सरकार में बीस सूत्री, निगम, बोर्ड और आयोग का भी बंटवारा अभी ही चाहता है। जबकि, पिछली सरकार में नीतीश कुमार ने आखिरी वक्त तक इसका निर्णय नहीं लिया था। बिहार में 100 से भी ज्यादा बोर्ड, निगम और आयोग हैं। राजनीतिक दलों के दूसरी पंक्ति के नेताओं को बोर्ड, निगम और आयोगों में चेयरमैन बनाए जाने की परिपाटी रही है। तीन साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, अभी तक कुछ को छोड़ कर लगभग सभी आयोग रिक्त पड़े हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि नई सरकार में इन सभी का रिक्त पद भरा जाएगा। दोनों दल बाकी हिस्सेदारी तय करने के बाद इसपर आएंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सा – 2019 लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में सांकेतिक तौर पर शामिल होने के ऑफर को ठुकरा चुका JDU अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहता है। अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद JDU ने BJP पर केंद्र में अनुपातिक तौर पर शामिल होने का दबाव बनाया है। पार्टी अब राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, संतोष कुशवाहा और चंद्रेश्वर चंद्रवंशी को केंद्र में मंत्री बनाना चाहती है।
JDU ने बनाई नामों की फेहरिस्त
JDU ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नामों की एक फेहरिस्त बना ली है। मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समीकरण को प्राथमिकता देते हुए कुछ नेताओं की लिस्ट तैयार की गई है।
ब्राह्मण समुदाय के संजय झा
राजपूत समुदाय के चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह, धमदाहा से लेसी सिंह और वाल्मीकि नगर से रिंकु सिंह
कुशवाहा समुदाय के अमरपुर विधायक जयंत राज, हरलाखी से सुधांशु शेखर और विधान पार्षद कुमुद वर्मा
भूमिहार समुदाय के परबता से विधायक संजीव सिंह, केसरिया से शालिनी मिश्रा और विधान पार्षद नीरज कुमार
अति पिछड़ा समुदाय के बहादुरपुर विधायक व पूर्व मंत्री मदन सहनी, रुपौली की बीमा भारती और झाझा के दामोदर रावत
दलित समुदाय के भोरे से विधायक सुनील कुमार, कल्याणपुर विधायक महेश्वर हज़ारी और कुशेश्वरस्थान से शशिभूषण हज़ारी
कुर्मी समुदाय के नालंदा से विधायक और पूर्व मंत्री श्रवण कुमार
मुस्लिम समुदाय के चैनपुर से विधायक जमा खान, विधान पार्षद गुलाम गौस और गुलाम रसूल बलियावी
मंत्री बनने की रेस में BJP के 12 युवा नाम
नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में BJP के कई पूर्व मंत्रियों का पता साफ हो सकता है। BJP इस बार युवाओं को ज्यादा मौका देना चाहती है। वैसे किसी भी मसले पर पार्टी का अंतिम निर्णय दिल्ली आलाकमान लेता है, फाइनल सूची केंद्रीय कार्यालय से ही बन कर आती है।
कुछ युवा नाम, जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं – राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, अंतरराष्ट्रीय शूटर व जमुई विधायक श्रेयसी सिंह, पूर्व मंत्री व झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा, दरभंगा विधायक संजय सरावगी, बरौली विधायक रामप्रवेश राय, बांकीपुर विधायक नितिन नवीन, बनमनखी के कृष्ण कुमार ऋषि, मोतिहारी के प्रमोद कुमार, मधुबन से राणा रणधीर, बांका से रामनारायण मंडल, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, MLC सम्राट चौधरी भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
BJP से 19 मंत्री हो सकते हैं, JDU से 15
बिहार की नई NDA सरकार में BJP के विधायकों की संख्या अधिक है। लिहाजा JDU के बड़े भाई की भूमिका में BJP को अधिक विभागों की जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। पिछली सरकार में JDU कोटे से मुख्यमंत्री को मिलाकर 22 विधायक मंत्री थे तो BJP में उप मुख्यमंत्री समेत 13 विधायक ही मंत्री बने थे। इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में BJP के 12 और विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस तरह BJP के कुल 19 मंत्री हो जाएंगे। वहीं, JDU के चार विधायक अभी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। 11 और विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। बिहार सरकार में कुल 44 विभाग हैं, लेकिन मंत्रियों के लिए सिर्फ 36 पद ही स्वीकृत किए गए हैं। वजह कि विधानसभा की कुल सीटों के 15 प्रतिशत ही मंत्री हो सकते हैं। इसलिए जो विभाग बच जाते हैं, वो मुख्यमंत्री के जिम्मे ही होते हैं।