बिहार विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी जदयू अपना दायरा लगातार बढ़ाना चाह रही है। इसीलिए पार्टी ने खरमास के बाद अपना तोड़फोड़ अभियान शुरू कर दिया है। शुरुआत हुई है, रोहतास के चैनपुर विधानसभा के बसपा विधायक जमा खान को मिलाकर। जमा खान ने आज जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके साथ ही बिहार विधानसभा में बसपा का जदयू में विलय हो गया। अब जदयू के 43 के बजाए 44 विधायक हो गए। साथ में एक मुस्लिम चेहरा मिल गया। 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 11 मुसलमान प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था, लेकिन कोई नहीं जीत सका।
सुमित सिंह का भी जदयू को समर्थन, बनेंगे मंत्री
लगे हाथों चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने भी अपना समर्थन जदयू को दे दिया है। हालांकि सुमित कुमार सिंह तकनीकी तौर पर जदयू के ना तो विधायक कहलाएंगे, ना ही वह पार्टी में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में उन्होंने जदयू को समर्थन देकर अपने लिए मंत्रिमंडल में शामिल होने का रास्ता साफ कर लिया है। सुमित सिंह अपना समर्थन पत्र विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को सौंपेंगे। अब सुमित सिंह उन तमाम जगहों पर जदयू का समर्थन करते दिखेंगे, जहां विधायक वोट की जरूरत होगी। विधानसभा सत्र के दौरान किसी भी मसले पर मतदान की जरूरत होगी तो सुमित सिंह जदयू के पक्ष में वोट डालकर अपना समर्थन देंगे।
विधानसभा में बदला दलों का गणित
जमा खान के जदयू में शामिल होने के साथ ही विधानसभा में दलों का गणित बदल गया है। एनडीए अब 126 की संख्या पर पहुंच गई है। वहीं निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को जोड़ दिया जाए तो एनडीए के पक्ष में 127 विधायक हैं। अब विधानसभा में जदयू के 44 विधायक हो गए। भाजपा के 74, हम के चार, वीआईपी के चार और एक निर्दलीय। महागठबंधन के 110 विधायक हैं। राजद के 75 , कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 के अलावा AIMIM के 5 विधायक हैं, तो लोजपा का एक विधायक है।
पहले भी सरकार को समर्थन दे चुके हैं निर्दलीय विधायक
यह पहला मौका नहीं है जब निर्दलीय विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया हो। 2010 में निर्दलीय विधायक के तौर पर विनय बिहारी, दुलाल चंद्र गोस्वामी, सोम प्रकाश व पवन जायसवाल ने विधानसभा में नीतीश सरकार को समर्थन दिया था। उन्हें इसका फायदा मिला 2014 में, जब नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। तब निर्दलीय विनय बिहारी और दुलाल चंद्र गोस्वामी को कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था। बाद में विनय बिहारी भाजपा में शामिल हो गए और दुलाल चंद्र गोस्वामी जदयू में शामिल हो गए। अब दुलाल चंद्र गोस्वामी जदयू से सांसद हैं, विनय बिहारी भाजपा से विधायक हैं।